रांची/हजारीबाग। टेरर फंडिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने झारखंड में बड़ी कार्रवाई की है। एनआइए ने करीब 15 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। एनआइए की टीम ने झारखंड पुलिस के साथ रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर में एक साथ छापेमारी की। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में भी एनआइए की टीम ने कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान एनआइए ने टेरर फंडिंग से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूतों को जब्त किया।
हजारीबाग के सदर थाना इलाके में बीजीआर कंपनी के मालिक के आवास पर मंगलवार को एनआइए ने छापा मारा। एनआइए की टीम ने इस आवास को और दो लग्जरी गाड़ियां सील कर दी है। यहां रघुराम रेड्डी किराये पर रह रहा था। यह मकान दीना गोप का है। इसी मामले को लेकर एनआइए ने रांची के बूटी मोड़ स्थित एक कोयला कारोबारी के घर में भी छापेमारी की है। कहा जा रहा है कि हजारीबाग क्षेत्र में कोयला खदानों में जड़ जमा चुके उग्रवादी संगठन टीपीसी कनेक्शन को एनआइए खंगाल रही है।

रघुराम रेड्डी फरार
एनआइए की टीम रेड्डी को खोजने और कई मामलों की छानबीन करने हजारीबाग पहुंची थी, लेकिन रेड्डी घर पर नहीं मिला। लिहाजा टीम ने आवास को मकान मालिक के सामने ही सील कर दिया। इधर, हजारीबाग के अलावा रांची के बूटी मोड़ स्थित संतोषी अपार्टमेंट में भी एनआइए की टीम ने छापा मारा, देर रात तक जांच जारी थी।

टीपीसी के नक्सलियों के बयान पर कार्रवाई
रघुराम रेड्डी शहर के पंडितजी रोड के एक किराये का मकान में रहता है। यह मकान दीना गोप नामक व्यक्ति का बताया जता है। यह कार्रवाई टीपीसी के सेकेंड मैन कोहराम गंझू और टीपीसी के मुनेश गंझू के द्वारा दिये गये बयान पर हुई है। बयान पुलिस के समक्ष दोनों नक्सलियों ने दी थी। बताया यह भी गया है कि रेड्डी द्वारा टीपीसी को लेवी देकर आर्थिक सहयोग किया जाता है। इतना ही नहीं, संगठन क पास जो भी एके 47 और 65 राइफल है। इसकी भी आपूर्ति रेड्डी ने ही की है।

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