रांची। नक्सलियों ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को उड़ाने की साजिश रची है। उनके अलावा राज्य के डीजीपी डीके पांडेय और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी मारने की साजिश रची गयी है। झारखंड पुलिस ने नक्सलियों की इस साजिश का पर्दाफाश किया है। पुलिस मुख्यालय को नक्सलियों द्वारा रची गयी इस साजिश से संबंधित पत्र मिला है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार यह साजिश माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने रची है। नक्सलियों ने इस साजिश को यूनीफाइड मिशन 2018 नाम दिया है। कमेटी ने साजिश संबंधी पत्र अपने सहयोगी कमेटियों को भेजा है। इसकी एक प्रति पुलिस के हाथ लगी है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में सक्रिय है। पत्र इस कमेटी के नरेश ने लिखा है। पत्र में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और डीजीपी डीके पांडेय सहित 10 आइपीएस अधिकारियों की हत्या की योजना का जिक्र है। इसमें इन अति विशिष्ट व्यक्तियों के परिवारों को भी मारने की साजिश का जिक्र किया गया है।

क्या है नक्सलियों के पत्र में
नक्सलियों के पत्र में कहा गया है कि पुलिस उनके परिजनों को लगातार प्रताड़ित कर रही है। कई मामलों में निर्दोष लोगों को नक्सली बता कर मारा जा रहा है। इतनी ही नहीं, माओवादियों से सहानुभूति रखने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को भी पुलिस प्रताड़ित कर रही है। पत्र में तीन प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉ प्रकाश आमटे, अभय बंग और उनकी पत्नी रानी को पुलिस द्वारा परेशान करने का भी उल्लेख है।

पत्र में मुख्यमंत्री को पूंजीपति और फर्जी मुठभेड़ के शिल्पकार कहा गया है। पुलिस को कचरा बताते हुए उसे कचरा पेटी में फेंकने की बात पत्र में कही गयी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने पिछले कुछ महीने के दौरान एक सौ से अधिक आंदोलनकारियों फर्जी मुठभेड़ में मार डाला है। ये हत्याएं झारखंड के अलावा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में की गयी हैं। माओवादी इन हत्याओं का बदला लेने का फैसला कर चुके हैं।नक्सलियों के पत्र में कहा गया है कि पुलिस उनके परिजनों को लगातार प्रताड़ित कर रही है। कई मामलों में निर्दोष लोगों को नक्सली बता कर मारा जा रहा है।

क्या कहते हैं पुलिस प्रवक्ता
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आइजी आशीष बत्रा ने कहा कि नक्सलियों के धमकी भरे पत्र की जांच की जा रही है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वीवीआइपी और वीआइपी की सुरक्षा में पुलिस हमेशा सतर्क रहती है। सीएम सहित सभी वीवीआइपी की सुरक्षा का मूल्यांकन समय-समय पर किया जाता है और अगर कोई बड़ा खतरा रहता है, तो उनकी सुरक्षा आवश्यकतानुसार बढ़ायी जाती है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों से मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर मंथन कर सुझाव मांगा गया है, ताकि सीएम की सुरक्षा को और चाक-चौबंद किया जा सके।

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