नयी दिल्ली। सरकार ने मीटु अभियान के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच कराने का फैसला लिया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि रिटायर्ड जज के नेतृत्व के एक कमिटी का गठन किया जाएगा, जो मीटु के तहत आने वाले मामलों की जांच करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसी हर शिकायत के पीछे के दर्द पर भरोसा करती हैं और उन सभी मामलों पर भरोसा करती हैं। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मीटु अभियान के तहत आने वाले सभी मामलों की जांच के लिए मैंने एक कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सीनियर न्यायिक अधिकारी और कानून के जानकार शामिल होंगे।’

यौन शोषण की शिकायतों से निपटने के सभी तरीकों और इससे जुड़े कानूनी और संस्थागत फ्रेमवर्क तैयार करने में यह कमिटी मदद करेगी। बहुत सी महिलाएं मीटु अभियान के तहत सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए बर्ताव के बारे में लिख रही हैं। इससे पहले मेनका गांधी ने कहा था कि किसी के भी खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह बात उन्होंने उस समय कही थी जब केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर लगे आरोपों पर उनसे सवाल पूछा गया था। गांधी ने मंगलवार को कहा था कि ताकतवार होने के बाद पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं। यह मीडिया के साथ राजनीति और प्राइवेट कंपनियों पर भी लागू होता है। जब महिला ने इस पर मुखरता से बोलना शुरू कर दिया है तो इन आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में मीटु अभियान के लिए समर्थन बढ़ रहा है। मेनका गांधी के बाद अपने बयानों के लिए विवादों में रहने वाले बीजेपी नेता और राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भी इस अभियान के प्रति समर्थन जाहिर किया है। स्वामी से जब एमजे अकबर को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘उन पर लगे आरोप किसी एक महिला ने नहीं बल्कि कई महिलाओं ने लगाए हैं। मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं मीटु अभियान का समर्थन करता हूं। मुझे नहीं लगता कि यदि महिलाएं लंबे समय बाद सामने आ रही हैं तो इसमें कोई बुराई है। पीएम मोदी को भी इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए।’

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