तवांग (अरुणाचल प्रदेश): अरुणाचल प्रदेश का यांग्से भारत और चीन के बीच दोस्ती की कड़ी बन सकता है। यह जगह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास है। इसके दोनों तरफ कुछ दूरी पर तिब्बतियों के पवित्र स्थान हैं। भारत सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा गया है कि दोनों तरफ के लोगों को इन पवित्र स्थानों पर आने की इजाजत दी जानी चाहिए। इसके जरिए दोनों देश ज्यादा करीब आ सकते हैं।

अरुणाचल प्रदेश के यांग्से में पवित्र वॉटर फॉल हैं और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दूसरी तरफ यानी चीन के इलाके में पवित्र गुफाएं हैं, जो तिब्बितयों के लिए धार्मिक तौर पर काफी अहम हैं। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच इस मसले पर बातचीत चल रही है। भारत की तरफ से एक औपचारिक प्रस्ताव भी भेजा गया है। उम्मीद है कि जिस तरह पाकिस्तान और भारत के बीच सिखों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए करतारपुर कॉरिडोर पर सहमति बनी उसी तरह भारत और चीन के बीच तिब्बतियों के पवित्र स्थान को लेकर सहमति बनेगी।

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल उन्हें अपने पवित्र स्थान जाने में बाधा नहीं बनेगी। जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें यह कहा गया है कि इसे रेग्युलेट करने के फ़ॉर्म्युले पर बात हो सकती है। 30-30 के ग्रुप में लोग लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर दोनों तरफ के पवित्र स्थानों में जा सकते हैं या इसी तरह का कोई और इंतजाम किया जा सकता है। यांग्से में भारत की तरफ पवित्र वॉटर फॉल है जिसमें 108 वॉटर फॉल हैं। यह भारत की तरफ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से करीब 500 मीटर अंदर है। यह रोड से नहीं जुड़ा है और लास्ट रोड हेड से यहां पहुंचने के लिए कुछ घंटे पैदल चलना होता है। हालांकि यहां तक रोड बनाने का काम शुरू हो गया है। तिब्बतियों के लिए यह कितना अहम है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चीन की तरफ से तिब्बती इसे देख सकें इसलिए फिलहाल उन्होंने एक ऊंचाई पर हाई रेजॉल्यूशन कैमरा लगाया है जिसके जरिए श्र्द्धालु वहां लाइव फीड देख सकते हैं। इसके लिए वहां बड़ी बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई हैं।

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