नई दिल्ली: जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट कलीजियम के बीच टकराव की कड़ी में एक ताजा मामला जुड़ा है- कर्नाटक हाई कोर्ट में 4 वकीलों की बतौर जज नियुक्ति की सिफारिश। केंद्र सरकार ने 4 नामों को कलीजियम को वापस लौटा दिया। इनमें से एक वकील पर लैंड माफिया और अंडरवर्ल्ड से साठगांठ के आरोप हैं। हालांकि, सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कलीजियम ने इन चारों वकीलों के नाम को वापस लेने के केंद्र के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। कलीजियम ने एक बार फिर इन चारों वकीलों के नाम को केंद्र के पास भेजा है।

क्या है मामला

दरअसल, इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने कर्नाटक हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्ति के लिए केंद्र के पास 8 वकीलों के नाम भेजे थे। सरकार ने इनमें से 4 नामों को स्वीकार कर लिया लेकिन बाकी 4 नामों को हरी झंडी नहीं दी। केंद्र ने जिन 4 वकीलों के नामों को कलीजियम को लौटाया, वे हैं- सवानुर विश्वजीत शेट्टी, मारालुर इंद्रकुमार अरुण, मोहम्मद गौस शुकुरे कमल और एंगलगुप्पे सीतामरमैया। केंद्र ने इस नामों को वापस लौटाने की वजहें भी बताई।

एक वकील पर अंडरवर्ल्ड, लैंड माफिया से गठजोड़ का आरोप

शेट्टी के नाम पर आपत्ति जाहिर करते हुए सरकार ने कहा, ‘उनके खिलाफ शिकायत है कि उनकी अंडरवर्ल्ड और लैंड माफिया से साठगांठ है, जो फिरौती में शामिल रहे हैं।’ इसके अलावा केंद्र ने यह भी कहा कि एम. आई. अरुण के खिलाफ भी शिकायत है। उनका प्रफेशनल करियर बेदाग और पारदर्शी नहीं है।

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