गिरिडीह। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में 85 हजार कर्मियों की जरूरत है। इनमें डॉक्टर और पारा मेडिकल कर्मी शामिल हैं। सरकार इन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी। मंत्री ने कहा कि एमसीआइ की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 85 हजार चिकित्सक-कर्मियों की जरूरत है, जिसकी नियुक्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आवश्यकतानुसार नियुक्ति की जायेगी। स्थानीय सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और बचाव को लेकर संकल्पित है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि आमजनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लोगों को कोरोना वायरस से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से लगातार चिकित्सीय सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। मरीजों के लिए भोजन, साफ-सफाई तथा स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को और सुदृढ़ और बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर हर तरह की कमियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार उचित कदम उठा रही है, ताकि राज्य की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राज्य में रिकवरी रेट 86.43 प्रतिशत
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड को गंभीरतापूर्वक लेते हुए राज्य में सात जगहों पर लैब स्थापित किया है। साथ ही सैकड़ों की संख्या में ट्रू नेट मशीन लगायी गयी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों की टेस्टिंग हो सके। कहा कि इस समय राज्य का रिकवरी रेट 86.43 प्रतिशत है। गिरिडीह जिले की रिकवरी रेट 94 प्रतिशत है, जो कि सराहनीय है।
बेहतर इलाज नहीं करनेवाले अस्पताल का लाइसेंस रद्द करें
मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर ठोस कदम उठायें। यदि कोई भी अस्पताल मरीजों का सही इलाज नहीं करता है, तो ऐसे अस्पतालों को चिह्नित करते हुए लाइसेंस रद्द कर उचित कार्रवाई करें। इसके अलावा गिरिडीह में रात में मेडिकल दुकान खोलने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया। कहा कि आयुष्मान भारत से संबंधित मामलों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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