पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 6 महीने से भारत और चीन (India China Faceoff) के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए हो रही वार्ताओं में पड़ोसी मुल्क की हर चाल नाकाम हो रही है. चीन ने हाल ही में की गई एक वार्ता के दौरान शर्त रखी थी कि भारतीय सेना पैंगोंग झील के दक्षिणी क्षेत्र से सेना हटाए, जिस पर भारत की ओर से स्पष्ट जवाब दिया गया कि सेनाएं दोनों ओर से हटाई जानी चाहिए. कोई भी कार्रवाई एकतरफा नहीं होगी.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने चीनी कार्रवाई का जवाब देने के लिए सात जगहों पर एलएसी पार कर लिया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि ‘हमने सात जगह पर एलएसी पार किया है. क्या अब भी आपको लग रहा है कि चीन वार्ता करना चाहता है? हाल ही में हुई एक वार्ता में चीन ने कहा था कि भारत पहले दक्षिणी इलाके से सेना हटाए जिस पर हमारी ओर से स्पष्ट मांग की गई कि झील के दोनों किनारों से दोनों देशों के सैनिक हटेंगे.’

किन सात जगहों पर है कब्जा?
दरअसल, अगस्त में भारतीय सैनिकों ने चुशूल के सब सेक्टर में अपने पैट्रोलिंग वाली जगहों से आगे चले गए. अब उस इलाके में भारत का दबाव है. यहां से ना सिर्फ भारत की नजर स्पांगुर गैप बल्कि मोल्दो में चीन की टुकड़ी की भी मूवमेंट वहां से देखी जा सकती है.बता दें अब तक भारत और चीन के बीच सात दौर की वार्ता हो चुकी है. राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर भी भारत चीन के रुख को लेकर चौकन्ना है. मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद भी एलएसी पर चीन अपने रुख से पीछे नहीं हटा.

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार एक सोर्स ने कहा कि ‘बीजिंग का कहना है कि वह दोनों देशों की सीमा पर शांति और अमन चाहता है. भारत भी तो यही चाहता है. चीन ने यह कभी नहीं बताया कि आखिर सीमा पर इनती बड़ी संख्या में सैनिक क्यों जमा किए गए हैं. चीन पर कोई विश्वास नहीं है. वहां कुछ भी हो सकता है. हम किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.’

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