हाल ही में लागू कृषि कानूनों पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो और विपक्षी भाजपा के बीच इन कानूनों को लेकर जबरदस्त जुबानी जंग छिड़ गयी है। झामुमो ने जहां इन कानूनों को राज्य में लागू नहीं करने का एलान किया है, वहीं भाजपा ने कहा है कि पहले किसानों का हक छीननेवाले अब झूठा विरोध कर रहे हैं।
झारखंड में लागू नहीं होने देंगे कृषि कानून : सुप्रियो भट्टाचार्य
रांची। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी केंद्र के कृषि सुधार कानूनों को झारखंड में लागू नहीं होने देगी। उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा में किसान बिल जबरदस्ती पारित करवाया। केंद्र की भाजपा सरकार संघीय ढांचे को तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के जनविरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ जो भी किसान सड़कों पर हैं, पार्टी उनका अभिनंदन करती है और उनको समर्थन देती है। हम इस काले कानून को झारखंड में लागू नहीं होने देंगे।
एक सवाल के जवाब में झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा कहती है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कभी खेती की है क्या, तो हम पूछना चाहते हैं कि क्या दीपक प्रकाश हरमू मैदान में खेती करते थे। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रघुवर दास ने कभी खेती की है। बाबूलाल मरांडी जरूर खेती करते थे। बाबूलाल मरांडी तन की बात भले ही भाजपा के पक्ष में करें, पर मन की बात हमेशा किसानों के पक्ष में ही करेंगे। उन्होंने कहा कि जनांदोलन को कुचलने के लिए यूपी में डॉ कफील पर रासुका लगा दिया गया और उन्हें आतंकवादी करार दिया गया।
घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं किसानों का हक छीननेवाले : दीपक प्रकाश
रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि किसानों का हक छीननेवाले अब घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा में किसानों की जमीन लूटी। अब वह कृषि सुधार कानून का विरोध कर रहे हैं। शनिवार को पार्टी द्वारा आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस कभी किसानों का हित नहीं चाहती। जब केंद्र में भाजपा की सरकार आयी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तय किया। कांग्रेस ने यह काम क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून से किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अधिकार मिल गया है। पहले किसान अपनी फसल केवल मंडियों में बेच सकते थे और वहां दलालों और बिचौलियों का कब्जा था। कांग्रेस बिचौलियों की संरक्षक है, इसलिए वह इस कानून का विरोध कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून से खेतों में पूंजी का निवेश हो सकेगा और इससे उन खेतों में भी खेती हो सकेगी, जो पूंजी के अभाव में सूखे पड़े रहते थे।
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