गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को दिए एक इंटरव्यू में बिहार चुनाव, भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध, पश्चिम बंगाल चुनाव, धारा 370, सुशांत सिंह राजपूत मामला और तनिष्क का विज्ञापन समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद अमित शाह ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर इन मामलों पर बयान दिया है.
अमति शाह ने न्यूज़ चैनल नेटवर्क18 को दिए एक इंटरव्यू में बिहार चुनाव को लेकर स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री होंगे.
उन्होंने कहा, “जब से बिहार में नीतीश कुमार के साथ हमारी सरकार बनी है तभी से बीजेपी ने तय किया था कि बिहार विधानसभा 2020 का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे. जो कोई भी भ्रांतियां फैलाना चाह रहे हैं मैं उस पर फुल स्टॉप लगा रहा हूं.”
लेकिन अगर बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ज़्यादा सीटें मिलीं, तो उस स्थिति में क्या होगा. इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि एनडीए को दो तिहाई बहुमत मिलने जा रहा है और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
उन्होंने कहा, “कुछ कमिटमेंट इस तरह के होते हैं जो सार्वजनिक तौर पर किए जाते हैं और उनका पालन किया जाता है.”
इधर लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान एनडीए से अलग हो गए हैं. हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की है.
इस विरोधाभास को लेकर अमित शाह ने कहा कि “भाजपा और जदयू की ओर से लोजपा को उचित सीटों की पेशकश की गई थी. सबने अपनी-अपनी सीटें कम करनी थी लेकिन वो नहीं हो पाया इसलिए हमें अलग होना पड़ा.”
लोजपा की वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा “चुनाव के बाद देखेंगे कि क्या होता है. अभी तो आमने-सामने पूरी ताकत से लड़ रहे हैं.”
बिहार चुनाव पर कोरोना महामारी के प्रभाव को लेकर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने इस दौरान अनाज गरीबों के घर पहुंचाया है और सरकार ने प्रवासी मज़दूरों के रहने की व्यवस्था की और आर्थिक मदद भी की. बिहार में 96 प्रतिशत रिकवरी रेट है.
इंटरव्यू के दौरान अमित शाह से एक सवाल ये भी पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र बनाम बिहार बन चुका बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला भी चुनावी मुद्दा है.
इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ज़मीन स्तर पर ये मामला कितना चुनावी मुद्दा बना है.
उन्होंने कहा, “अगर ये मुद्दा बना भी है तो इसकी वजह हम नहीं हैं. अगर पहले मामले की जांच सीबीआई को दे देते तो मुद्दा ही ना बनता. शंकाएं पहले दिन से शुरू हो गई थीं. मगर मैं इतना मानता हूं कि सुशांत सिंह की जगह चाहे कोई भी हो लेकिन जांच सही तरह से होनी चाहिए.”