कोर्ट को अंधेरे में रख कर चार्जशीट दायर की गयी
बाबुओं की तरह काम कर रही है सीबीआइ

सीबीआइ डायरेक्टर को हाजिर होने का दिया निर्देश
रांची। जज उत्तम आनंद मौत मामले में झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने सीबीआइ के द्वारा दायर चार्जशीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगायी है। हाइकोर्ट ने कहा कि अदालत को अंधेरे में रखते हुए स्टेरियोटाइप चार्जशीट दाखिल की गयी है। चार्जशीट में अंकित हत्या की धारा 302 का कोई प्रमाण नहीं, चार्जशीट दाखिल करने के मोटिव को अदालत ने गलत करार दिया। सीबीआइ की कार्रवाई पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाबुओं की तरह सीबीआइ काम कर रही है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में सीबीआइ निदेशक को पेश होने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई में वर्चुअल माध्यम से हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है।

इस रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है : हाइकोर्ट
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसे लेकर हाइकोर्ट ने कहा था कि इस रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। वहीं हाइकोर्ट ने सीबीआइ और एसआइटी को स्पेसिफिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। हाइकोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि दो आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में कई संबंधित लोगों के संबंध पता चल रहे हैं, लेकिन इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

अगले छह महीने में एफएसएल को पूरी तरह से अपग्रेड को कहा था
बता दें कि राज्य सरकार ने अगले छह महीने में एफएसएल को पूरी तरह से अपग्रेड करने की बात करते हुए प्रति शपथ पत्र दायर किया था। इसमें कहा गया था कि छह महीने में फंड रिलीज किया जायेगा। इसमें भी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। जेपीएससी और जेएसएससी पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि कुंभकरण की तरह ना बनें, तीन महीने में पूरा खाली पद भरें, अन्यथा कठोर आदेश जारी किया जायेगा।

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