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    Home»Breaking News»पंकज मिश्रा पर कसा इडी का शिकंजा राजीव और अमित हाइकोर्ट की शरण में
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    पंकज मिश्रा पर कसा इडी का शिकंजा राजीव और अमित हाइकोर्ट की शरण में

    azad sipahiBy azad sipahiOctober 21, 2022No Comments6 Mins Read
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    रांची (आजाद सिपाही)। राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की जांच का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इडी की जांच मनरेगा घोटाले से शुरू हुई, जो बढ़ते-बढ़ते अवैध खनन और मनी लॉड्रिंग तक पहुंच चुकी है। निलंबित आइएएस पूजा सिंघल, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, सीए सुमन कुमार और सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश हिरासत में हैं। उधर, हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार और कारोबारी अमित अग्रवाल भी इडी हिरासत में हैं। इन सभी से पूछताछ में कई और लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है। वे इडी के रडार पर हैं। इस बीच इडी को पंकज मिश्रा के खिलाफ एक और सबूत हाथ लगा है। उनका न्यायिक हिरासत में रहते हुए राज्य के दर्जन भर अधिकारियों के साथ संपर्क था। पंकज के दो करीबियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं राजीव कुमार और अमित अग्रवाल ने राहत के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    फोन पर बात करते पंकज मिश्रा को इडी ने पकड़ा, पुलिस अधिकारी थे लाइन पर

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जिसमें पंकज मिश्रा फोन से अधिकारियों से बात कर रहे थे। इडी अधिकारी उसी समय वहां जा धमके थे, जब पंकज मिश्रा अपने सहयोगी के फोन से एक पुलिस अधिकारी से बात कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि इडी ने कॉल डिटेल्स की जांच की, तो पता चला है कि कॉल अकसर 11 मोबाइल नंबरों पर किये जाते थे और ज्यादातर बातचीत अधिकारियों से होती थी। इडी ने गुरुवार को चंदन यादव और सूरज पंडित को हिरासत में लिया है, जो पंकज मिश्रा के ड्राइवर और करीबी बताये जा रहे हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। पंकज मिश्रा बरहेट से विधायक प्रतिनिधि हैं। उन्हें इडी ने बीते 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से पंकज मिश्रा रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं।

    जाकिर शेख का दावा: पंकज मिश्रा ने फोन किया और मुझे जेल से धमकाया

    झामुमो के वरिष्ठ पदाधिकारी और साहिबगंज के पतना प्रखंड के उप प्रमुख जाकिर शेख ने कहा कि पंकज मिश्रा ने एक बार उन्हें कॉल किया था और पहाड़िया जनजातियों को अनाज वितरण में गड़बड़ी को लेकर आवाज उठाने पर उन्हें धमकी दी थी। पंकज ने कहा था कि ज्यादा मत कूदो और चुप रहो। मैं दो महीने के भीतर जेल से बाहर आ रहा हूं और सब कुछ सुलझा दूंगा। अपनी सीमा को मत भूलना और घर पर रहो, जाकिर शेख ने कहा कि वह इतने डरे हुए हैं कि धमकी के बाद अपने कार्यालय भी नहीं गये। एक शिकायत थी कि पहाड़िया जनजातियों को लगभग नौ महीनों तक अनाज नहीं दिया गया था। एक स्थानीय भाजपा नेता लगातार इस मामले को उठा रहा था। चूंकि मामला बरहेट विधानसभा से संबंधित है, जो मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए मैंने इस मामले में हस्तक्षेप किया। मैंने बीडीओ से भी बात की। जाकिर शेख ने कहा कि एक दिन उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। मुझे वह फोन नंबर याद नहीं है, लेकिन अभी भी उसकी आवाज याद है. उसने मुझे धमकी दी. इसके बाद मैं इतना डर गया था कि मैंने आॅफिस जाना तक बंद कर दिया। मैंने कुछ लोगों को बताया कि पंकज मिश्रा ने मुझे बुलाया है। वह मुझे नुकसान पहुंचा सकता है।

    अमित अग्रवाल ने हाइकोर्ट में दाखिल की क्रिमिनल रिट
    रांची (आजाद सिपाही)। कैश कांड कारोबारी अमित अग्रवाल को शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। व्यवसायी अमित अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल की है। अमित अग्रवाल ने याचिका में इडी द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत बताते हुए उन्हें राहत देने की गुहार लगायी है। कारोबारी अमित अग्रवाल के अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने इसकी पुष्टि की है। अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद वह हाइकोर्ट का रुख कर रहे हैं। न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है और हाइकोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। बता दें कि इससे पहले अमित अग्रवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह कहा था कि पहले वह झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दाखिल करें। वहां सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।

    बता दें कि कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को इडी ने पीआइएल मैनेज करने के लिए लाखों रुपये कैश लेनदेन में आरोपी बनाया है। इडी अमित अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अमित अग्रवाल ने आपराधिक षड्यंत्र कर हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को फंसाया। इसके लिए अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के अपने कांटैक्ट का सहारा लिया और सोनू अग्रवाल की मदद से जांच प्रभावित करने की कोशिश की।

    अधिवक्ता राजीव कुमार मामले में इडी ने मांगा समय
    रांची (आजाद सिपाही)। मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी राजीव कुमार की जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट को बताया गया कि मनी लांड्रिंग मामले में राजीव कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। साजिश के तहत राजीव कुमार को फंसाया गया है। कोर्ट में इडी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद मामले की सुनवाई 7 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गयी। बता दें कि कोलकाता पुलिस के एआरएस विभाग ने हैरिसन स्ट्रीट में स्थित व्यावसायिक परिसर से 31 जुलाई की रात को 50 लाख नकद के साथ अधिवक्ता राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही वह पहले कोलकाता की जेल में थे। बाद में इडी ने मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज कर राजीव कुमार के रांची स्थित कई ठिकानों में छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद इडी ने पूछताछ के लिए राजीव कुमार को 12 दिनों की रिमांड पर भी पूर्व में लिया था। हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार पर इडी ने मनी लाउंड्रिंग के साथ, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए भादवि की धारा 120बी एवं 384 केस दर्ज किया।

    बता दें कि इडी अधिकांश केस प्रिवेंशन आॅफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत ही दर्ज करता है, लेकिन राजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं है। मनी लाउंड्रिंग के साथ, पीसी एक्ट एवं आइपीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

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