रांची। झारखंड हाई कोर्ट में बरियातू रोड स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद बिक्री मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त और निलंबित आईएएस अधिकारी छविरंजन की ओर से दायर डिफॉल्ट बेल की याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई। जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने छविरंजन की डिफॉल्ट बेल की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले में अनुसंधान पूरा कर सही समय पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। इसलिए डिफॉल्ट बिल का मामला नहीं बनता है। ईडी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की।

छवि रंजन ने डिफॉल्ट बेल से संबंधित सीआरपीसी की धारा 167 के पिटीशन को ईडी कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। छविरंजन ने निचली अदालत में ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र में त्रुटि होने और निर्धारित समय से चार्जशीट दाखिल नहीं होने को जमानत देने का आधार बनाया था। इसी के आधार पर उनकी ओर से ईडी कोर्ट से जमानत का आग्रह किया गया था, जिसे ईडी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

इस मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और बड़गाई के राजस्व कर्मचारी सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर 13 अप्रैल को ईडी ने छापेमारी की थी। इस दौरान बड़ी संख्या में जमीन के फर्जी डीड, मुहर एवं अन्य कागजात ईडी को मिले थे। इसके बाद 14 अप्रैल को ईडी ने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इन पर जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ करने का आरोप था। बाद में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को इस मामले में संलिप्तता के आधार पर चार मई को गिरफ्तार किया गया था।

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