रिम्स में डायलिसिस यूनिट, लाइब्रेरी, अपरेफरल उपचार केंद्र और वेटिंग एरिया का किया गया उद्घाटन
अस्पताल में बजबजाती नालियों को चार दिनों के अंदर साफ करने का दिया निर्देश
सफाई नहीं होने पर पांचवें दिन खुद साफ करने की कही बात
फंल्लूँ्र : रिम्स में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने डायलिसिस सेंटर, अपरेफरल उपचार केंद्र, सेंट्रल लाइब्रेरी, येलो फीवर वैक्सीनेशन केंद्र और मरीजों के लिए वेटिंग एरिया का उद्घाटन किया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इन सेवाओं की शुरूआत से रिम्स की उन्नति और समृद्धि के मार्ग में एक और कड़ी जुड़ रही है. आयुष्मान और लाल कार्ड धारी के अलावा वंचित ग्रुप को भी लाभ देने का प्रयास किया गया है. साथ ही कहा कि डॉक्टरों को भगवान के दूसरे रूप में देखा जाता है. चिकित्सकों को मरीजों के परिजनों की परिस्थिति को समझना चाहिए. उलझने के बजाए समझने की जरूरत है. छोटी-छोटी बातों में आंदोलन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिम्स में प्रवेश करते ही दोनों रोड के बीच में बने डिवाइडर को देखकर भूतिया बंगला लगता है. उसे जल्द ही सुधारने और बीच में लगी गुमटी तोड़कर हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही बजबजाती नालियों को चार दिन के अंदर किसी भी हाल में साफ कराने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर उन्होंने खुद से नाले को साफ करने की बात कही.ओपीडी बेसिस पर मरीजों को डायलिसिस की सुविधा
डायलिसिस सेंटर में ओपीडी बेसिस पर मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिलेगी. आयुष्मान और कार्डधारी मरीजों को निशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिलेगी. वहीं समान्य मरीजों का 1341 रुपए में डायलिसिस किया जाएगा. इसके अलावा 501 सीट के लाइब्रेरी की शुरूआत की गई है, जिसमें 92278 किताबें उपलब्ध हैं. वहीं अपरेफरल केंद्र में कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाएगा. साथ ही मरीजों और परिजनों के लिए सीटिंग एरिया बनाया गया है, जिससे उन्हें बैठने के लिए इधर -उधर भटकना नहीं पड़ेगा. इसके अलावा येलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर की भी शुरूआत की गई. डायलिसिस सेंटर के उद्घाटन के मौके पर नेफ्रोप्लस की दीप्ति हीमानी ने कहा कि झारखंड सहित पूरे देश में 200 से अधिक केंद्र हैं. हमारा रिम्स के साथ टाइअप होने से गरीब मरीजों को बेहतरीन सेवा देने का मौका मिलेगा.

कुल आबादी का एक फीसदी जनता को डायलिसिस की पड़ रही जरूरत
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि डायलिसिस यूनिट का टेंडर लगभग डेढ़- दो साल पहले हो गया था. अब 25 बेड के साथ आरंभ किया गया है. 10 फीसदी जनता क्रोनिक किडनी की समस्या से जूझ रही है. एक फीसदी मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. सदर अस्पतालों में पीपीपी मोड पर डायलिसिस की फैसिलिटी उपलब्ध कराई गया है. यूनीसेफ के गोल में मालन्यूट्रिशन के कारण बच्चों का ग्रोथ नहीं होता है, इसके लिए ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित किया गया है. पर कुछ कारणों से बहुत अधिक लोग नहीं पहुंचते हैं. मजदूरी एक बड़ा कारण है. वेलफेयर विभाग के साथ मिलकर इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. 130 रुपये की दर से माताओं को भोजन दिया जा रहा है.

व्यवहार को लेकर सीख देने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस दौरान कहा कि स्वास्थ्य की दिशा और दशा तय करने में रिम्स की अहम भूमिका है. यहां इलाज के साथ साथ रिसर्च पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री बनवाने की भी बात कही, जिससे छात्रों को मरीजों के साथ किए जाने वाले व्यवहार की सीख मिले. उन्होंने कहा कि आचार -विचार पर बात करने की जरूरत है. सिर्फ किताबों से पढ़कर नहीं, व्यवहार से भी मरीज ठीक होते हैं. इसके अलावा कई हस्तियों के बायोग्राफी रखने की भी सलाह दी.

मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ियों को पार्क करने की व्यवस्था होगी: डॉ राजीव गुप्ता
रिम्स के निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने कहा कि गाड़ियां इधर- उधर न लगे, इसके लिए मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था होगी. बहुत जल्द पार्किंग की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. साथ ही कहा कि इमरजेंसी के पास पार्क को भी बेहतर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि 50 बेड के न्यूरो सर्जरी की जिस दिन शुरूआत होगी, उसी दिन पार्क का भी उद्घाटन कराएंगे. इसको लेकर मंत्री ने कहा कि फंड की कोई कमी नहीं है. प्रीमियर इंस्टीट्यूट की तरह इसे स्वच्छ करने को लेकर बहुत सारे दिशा- निर्देश दिए गए हैं. थोड़ा कष्ट होगा, पर बाद में आनंद है. हॉस्टल में स्टैंडर्ड बढ़ाने को लेकर भी कहा गया है. सभी स्टूडेंट्स खाना बना रहे हैं. इस पर रोक लगाने का कहा है. अराजकता नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान देने की बात कही.

ये रहे मौजूद
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, रिम्स निदेशक डॉ आरके गुप्ता, एमडी एनएचएम आलोक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बिरुआ, चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ विद्यापति, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार समेत अन्य मौजूद रहे.

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