-सुदेश की मेहनत रंग लायी, मोरहाबादी में जुटे हजारों हजार कार्यकर्ता
-नया सवेरा और झारखंड के नव निर्माण का लिया संकल्प
सुनील कुमार सिंह
रांची। ‘वाकिफ कहां जमाना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गये आसमां से।’ जी हां, आजसू ने अपने अधिवेशन के समापन मौके पर जहां ऊंची उड़ान दिखायी, वहीं कार्यकर्ताओं ने बारिश को परास्त करते हुए सुदेश महतो की ताकत बढ़ायी। भारी बारिश के बीच कार्यकर्ताओं के हुजूम ने साबित कर दिया कि आजसू पार्टी ऊंची उड़ान भरने के लिए तैयार है। कार्यकर्ताओं ने सुदेश महतो के नेतृत्व में झारखंड में नया सवेरा और नव निर्माण का संकल्प लेकर अपनी ख्वाहिश भी जता दी।
दरअसल, पिछले तीन दिनों से आजसू का रांची के मोहराबादी मैदान में महाअधिवेशन चल रहा था। रविवार को उसका आखिरी दिन था। इधर शनिवार से ही मौसम झारखंड को अपने आगोश में ले लिया। चारों तरफ झमाझम बारिश। इसने आवाजाही पर विराम लगा दिया। मौसम को देखते हुए आजसू महाधिवेशन पर भी इसकी साया पड़ने की उम्मीद थी, लेकिन हुआ इसका उलटा। रविवार को सुबह से ही बारिश की रफ्तार तेज हो गयी। एक समय तो आयोजकों को भी लगा कि शायद अपेक्षित भीड़ नहीं आ पाये, लेकिन यह क्या, बारिश से भी ज्यादा रफ्तार में कार्यकर्ताओं का जनसैलाब मोरहाबादी मैदान में उमड़ने लगा। स्थिति यह हो गयी कि आजसू का पंडाल छोटा पड़ गया, तो लोगों ने बारिश की परवाह न करते हुए खुले मैदान में खड़ा होकर अपने इरादे और चट्टानी एकता को प्रदर्शित किया। पार्टी के कार्यकताओं में जोश और जुनून इस कदर था कि विपरीत परिस्थितियां और बिजली की कड़क भी उन्हें रोक नहीं पायी। राज्य भर से आजसू कार्यकर्ताओं का जनसैलाब मोरहाबादी मैदान की ओर उमड़ पड़ा। क्या युवक, युवतियां और क्या प्रौढ़, लड़खड़ाते कदमों से बुजुर्ग भी कदमताल करते हुए मोरहाबादी मैदान में बने वाटरप्रूफ पंडाल में समा रहे थे। इसमें कई कार्यकर्ता छाता और रेनकोट पहने हुए थे, तो कई ऐसे कार्यकर्ता भी थे, जो भींगते हुए ही पहुंचे थे। वह समय भी आया, जब वहां बना पंडाल कार्यकर्ताओं के लिए छोटा पड़ गया। इसके बाद कार्यकर्ता बाहर भीगते हुए वहां जमे रहे। इनमें आधी आबादी भी कहां कम रहनेवाली थी। आधी आबादी की संख्या, जोश और जुनून देखनेलायक था।
बारिश की तेज रफ्तार के बीच पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने एक बार फिर सर्वसम्मति से सुदेश कुमार महतो को आजसू पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष घोषित किया। चुनाव पर्यवेक्षक की भूमिका में थे डोमन सिंह मुंडा ने। उमाकांत रजक ने सभा के समक्ष सुदेश कुमार महतो का नाम रखा, जिसका सभी ने ध्वनिमत से समर्थन किया। नाम की घोषणा होते हुए सुदेश महतो के जयकारे से मोरहाबादी गूंज उठा। कुछ कार्यकर्ता तो खुशी में झूमने भी लगे। इसके बाद महाधिवेशन में भावी कार्यक्रम तय किये गये। नौ संकल्प और 24 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किये गये। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो जब मंच पर पहुंचे, तो पूरा मोरहाबादी मैदान नारों से गूंज उठा। सुदेश महतो ने भी गर्मजोशी से सभी कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। आजसू के संकल्प को दोहराया। झारखंड के प्रति अपनी जवाबदेही को बताया। झारखंड को संवारने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा- कमजोर सरकार के खिलाफ आजसू मजबूती से लड़ाई लड़ेगी और झारखंड को भ्रष्टाचार के दलदल से निकालेगी। झारखंडियों के हक-अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान की खातिर आजसू हर कुर्बानी देने को तैयार है। कहा-झारखंड सचमुच में अब बदलाव चाहता है। आपके जोश और जज्बे ने इस बात के संकेत दे दिये हैं कि बदलाव होकर रहेगा। सुदेश महतो के संबोधन के दौरान कार्यकर्ता भी राजनीतिक बदलाव के अपने उत्साह और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे। कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ नया सवेरा और झारखंड के नव निर्माण का संपकल्प लिया और संकल्प पूरा होने का सपना लेकर विदा हुए।
आजसू महाधिवेशन: भारी बारिश भी कार्यकर्ताओं को नहीं रोक सकी
Related Posts
Add A Comment