– राज्य में अनावश्यक रूप से राजनीतिक अशांति पैदा हो यह नहीं चाहते: सीपी राधाकृष्णन
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथित संलिप्तता वाले खनन पट्टा मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। राधाकृष्णन ‘पीटीआइ (भाषा)’ के इंटरव्यू में बोल रहे थे। उन्होंने राज्य में संगठित अपराध और नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
राज्यपाल ने नक्सली घटनाओं पर जतायी चिंता
राज्यपाल ने जेल से जारी आपराधिक गतिविधियों और नक्सलियों की ओर से सुरक्षाकर्मियों की हत्या को चिंताजनक और दुखदायी बताया। राज्यपाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति का केवल आंकड़ों के जरिये अध्ययन नहीं किया जा सकता। हमें संगठित अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। कोई जेल से गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और कोई विदेश से काम कर रहा है। या तो लोगों (सरकार) को इससे निपटना होगा या हम उनसे इससे निपटने का अनुरोध करेंगे।
नक्सलियों को लेकर सीएम से की बात:
राधाकृष्णन ने कहा कि मैं सरकार से नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए बार-बार कहता रहा हूं। आप तलाशी अभियान चलाते हैं और आप अपनी सारी खुफिया जानकारी का उपयोग करते हैं। आप चाहें तो मैं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से सारी जानकारी ले सकता हूं, ताकि हम झारखंड में नक्सलवाद को कुचल सकें। नक्सलियों की ओर से सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बारे में मुख्यमंत्री से बात की थी।
पक्षपातपूर्ण रवैये के आरोपों को किया खारिज:
राधाकृष्णन ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाये जाने के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन संविधान का संरक्षक होने के नाते, वह झारखंड में एससी/एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों में 77 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव वाले विधेयक को मंजूरी नियमों की अनदेखी कर नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरक्षण को लेकर तय की गयी 50 फीसदी की सीमा संबंधी दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।
मैं भी गलती करूंगा तो परिणाम भुगतना होगा:
झारखंड में राजनीतिक विवाद खत्म नहीं हो रहे और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने समन जारी किया है। इस पर राज्यपाल ने सोरेन से जुड़े कथित अवैध खनन मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते, जिससे राज्य में अनावश्यक रूप से राजनीतिक अशांति पैदा हो और इसके विकास को नुकसान पहुंचे। अगर किसी से कोई गलती होती है, तो उसे उसका परिणाम भुगतना पड़ता है। अगर मैं भी कोई गलती करता हूं, तो मुझे उसका परिणाम भुगतना होगा।
जल्दीबाजी में कोई काम नहीं करना चाहता:
निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त 2022 को राज्य के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लाभ के पद मामले में अपना फैसला भेज दिया था। इस मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि आयोग का फैसला पूर्व राज्यपाल को एक सीलबंद लिफाफे में प्राप्त हुआ था। मैंने इसे पढ़ा नहीं है। मैं उचित समय पर इस पर गौर करूंगा। बहुत सनसनीखेज मामलों से जल्दबाजी में नहीं निपटा जा सकता। आपको इसे ठीक से और पूरी तरह से समझना होगा। संविधान विशेषज्ञों की सलाह लेनी होगी। मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता, जिस पर सवाल खड़े किये जायें। मैं कोई खराब मिसाल कायम नहीं करना चाहता।
मुख्यमंत्री के खनन मामले पर राज्यपाल ने कहा, ‘गलतियों का खामियाजा हर किसी को भुगतना पड़ता है’
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