बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अर्बन नक्सली की तरह व्यवहार करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में हजारों करोड रुपए की लूट की है। इस लूट की जांच सीबीआई कराई जाएगी।

सोमवार को बेगूसराय में आयोजित प्रेसवार्ता में गिरिराज सिंह ने कहा है कि मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आने के बाद जब जांच किया गया तो पता चला कि कागज पर ही एसेट का निर्माण कर लिया गया। आधार से लिंक कराए जाने पर 25 लाख जॉब कार्ड फर्जी निकले। इस जॉब कार्ड में हेर फेर कर जमकर पैसा का गबन किया गया और चोरी कर सीनाजोड़ी कर रही है।

25 लाख जॉब कार्ड में से पांच लाख जॉब कार्ड ऐसे मिले जो लोग संबंधित पंचायत में रहते ही नहीं थे। जनता जानना चाह रही है कि आखिर यह पैसा किसने गबन किया। स्पष्ट है कि ममता बनर्जी ने यह पैसा गबन किया है और वह गरीबों को पैसा वापस करे। हत्या और लूट की सरकार ममता बनर्जी जनता नहीं, लूट के प्रति जवाबदेह है। किंम जॉन की भूमिका में विरोधी और जनप्रतिनिधियों की हत्या करवा रही है। ऐसे में अब दिल्ली जाते ही बैठक कर सीबीआई को यह मामला सौंपना जरूरी हो गया है।

उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने लंबे अरसे तक करप्शन, गैर जिम्मेदार, अपनी और अपने लोगों की चिंता करने वाली सरकार देखी है। लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज यह सब महज एक सपना बनकर रह गया है, तो उन सभी लोगों को दिक्कत होना स्वाभाविक है। जिन्होंने लंबे समय तक देश के संसाधनों का इस्तेमाल परिवार और ठेकेदारों को फायदा देने के लिए किया है। ममता बनर्जी भी इससे परे नहीं है, अभिषेक बनर्जी इसके उत्तीर्ण उदाहरण हैं।

आज ममता अपनी ओछी राजनीति के लिए इन्हीं गरीब जनता को बहलाकर दिल्ली ला रही है और अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहती है। अगर ममता बनर्जी ने इतनी मेहनत कल्याणकारी स्कीमों को सही तरीके से गरीब परिवारों तक ले जाने में केंद्र सरकार की मदद की होती तो पश्चिम बंगाल विकास की एक नई गाथा लिख रहा होता। सरकारी स्कीमों का फायदा अपने लोगों तक ही पहुंचाने को अपना महत्वपूर्ण काम मानती हैं।

हमारी सरकार शुरू से ही जवाबदेही और जिम्मेदारी के लिए संकल्पित रही है। विकास के कार्यों में हमने किसी के स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि उनके लिए काम किया जो सच में इसके हकदार हैं। हमारा लक्ष्य अंत्योदय और विकास का रहा है। मोदी सरकार ने जबसे लाभार्थियों के अकाउंट में सीधे पैसे देने की मुहीम से लाखों बिचौलियों की दुकानें बंद हो गई। हमने सालों से पश्चिम बंगाल में चले आ रहे सिंडिकेट को तोड़ा है और भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया है।

जहां लाखों करोड़ों के घरों में सरकारी स्कीमों से खुशियां आई हैं तो वहीं सिंडिकेट से जुड़े लोग नाराज भी हुए हैं और अपनी आदत के अनुसार आज भी सरकार की जन कल्याणकारी स्कीमों का फायदा अपने लोगों लिए करना चाहते हैं। विफल होने पर परेशान हैं और सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए तरह-तरह के गलत प्रचार पर उतर है। फेल हुई यूपीए ने अपना नाम बदलकर इंडी अलाएंस रखा है।

ममता बनर्जी भी इसी अलाएंस की सदस्य हैं। लेकिन इसी यूपीए की सरकार के दौरान पश्चिम बंगाल को सिर्फ 58 हजार करोड़ रुपये मिले थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल को पिछले नौ सालों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विकास के लिए खर्च किया जा चुका है। यह प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल के विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यही कारण है कि आज भाजपा बंगाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और आने वाले समय में सबसे बड़ी पार्टी भी बनकर उभरेगी। पश्चिम बंगाल की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधक ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस है, जिससे जनता भी अब परेशान हो चुकी है। विभिन्न योजनाओं का डाटा देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी महिला होते हुए अपने प्रदेश की दीदीयों का भला नहीं कर पाई, वह मोदी जी ने क्रांतिकारी रूप से पूरा किया।

भारत सरकार पश्चिम बंगाल में चले रहे मनरेगा और आवास योजना में धांधली को बार-बार और लगातार उजागर कर रही थी, लेकिन राज्य सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। केन्द्र सरकार से मॉनिटरिंग टीम भी भेजी गई, लेकिन उसकी रिपोर्ट पर भी उन्होंने कार्यवाही नहीं की। मंत्रालय द्वारा अनेक अवसर पर राज्य को व्यापक कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, लेकिन राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

गिरिराज सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से कई बार अनुरोध किया गया कि भ्रष्ट अधिकारी और भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ एक्शन ले, लेकिन राज्य सरकार इसमें हमेशा फेल रही है। पश्चिम बंगाल सरकार के साथ सहयोग करने के लिए कई बार सेन्ट्रल टीम को वहां भेजा गया। लेकिन राज्य सरकार सहयोग करने को कभी तैयार नहीं रही। अब अनर्गल प्रलाप करना बंद करें।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version