नई दिल्ली, । वैज्ञानिकों के एक विश्लेषण में पाया गया है कि देश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून में बदलाव हो रहा है, जिसका प्रभाव वर्षा पर पड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है।

अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने वर्ष 2016 से 2020 तक मार्च से मई के महीनों के दौरान महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बादलों की गति और हवा के पैटर्न का अध्ययन किया है। कोल्हापुर अरब सागर के करीब है। इससे पता चला है कि मानसून से पहले के बादलों और इसके प्रसार की दिशा में बदलाव हो रहा है। यह मानसून वर्षा पैटर्न में बड़े बदलाव का संकेत देता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (आईआईजी) के वैज्ञानिकों ने कोल्हापुर में क्लाउड ट्रेसिंग के लिए सभी स्काई इमेजर डेटा (एएसआई) का उपयोग किया है।

वैज्ञानिकों ने पाया है कि वर्ष दर वर्ष बादलों के प्रसार की दिशा दक्षिण की ओर मुड़ रही है। मार्च और अप्रैल महीने के आंकड़ों में यह अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इसका बड़े जलवायु परिवर्तन से संबंध हो सकता है।

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