-टीमों का आना शुरू, मैदान है तैयार, अधिकारी मुस्तैद
-विकास आयुक्त ने तैयारियों की समीक्षा की, आयोजन स्थल का लिया जायजा
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। महिला एशियन हॉकी चैंपियंस ट्राफी-2023 का आगाज 27 अक्टूबर से हो रहा है। झारखंड इस चैपियंशिप की मेजबानी कर रहा है। प्रतियोगिता में भाग लेनेवाली विभिन्न देशों की टीमों का रांची आना शुरू हो गया है। प्रतियोगिता के लिए मोरहाबादी स्थित मरंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम तैयार है। सरकारी अधिकारी आयोजन की सफलता के लिए मुस्तैद हैं।
विकास आयुक्त ने तैयरियों की समीक्षा की:
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में हॉकी स्टेडियम स्थित कांफ्रेंस हॉल में बुधवार को तैयारियों की समीक्षा की गयी। विकास आयुक्त ने खिलाड़ियों के आगमन, उनके ठहरने की व्यवस्था, सुरक्षा, पार्किंग, ट्रैफिक, वेंडिंग जोन आदि को लेकर पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए उन्होंने आवश्यक और उचित दिशा-निर्देश दिये। बैठक के बाद अरुण सिंह ने कहा कि प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। कोई कमी ना रहे, इसे लेकर समीक्षा करते हुए बचे हुए कार्य को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि मोरहाबादी मैदान में वेंडिंग जोन भी बनाया जा रहा है, जहां वेंडर्स को नगर निगम द्वारा ट्रेनिंग भी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में प्रवेश नि:शुल्क है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी मैच देखने आयें और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ायें।
भारत का पहला मैच 27 को:
महिला एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी-2023 का आयोजन 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हो रहा है। इसमें भारत, जापान, कोरिया, मलेशिया, चीन और थाइलैंड की टीमें शामिल हो रही हैं। पहला मैच जापान और मलेशिया के बीच 27 अक्टूबर को शाम चार बजे से होगा। वहीं, भारत का पहला मैच इसी दिन थाइलैंड के साथ रात 8.30 बजे से होगा। टीमों का रांची आगमन शुरू हो चुका है। अलग-अलग समय में टीमें अभ्यास भी कर रही हैं।
वीमेंस एशिया हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी के आयोजन से झारखंड में खेल को और मजबूत होने का मौका मिलेगा। झारखंड के इतिहास में इस तरह का आयोजन पहली बार होने जा रहा है। इसे लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह है। झारखंड की धरती पर नामी-गिरामी खिलाड़ी पहुंचे हुए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि जहां दूसरे खेलों को देखने के लिए हजारों लोग टिकट खरीदते हैं, वहीं इस चैंपियनशिप में प्रवेश बिल्कुल फ्री है।- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
हेमंत सरकार में खेल को मिल रही ताकत
खनिजों से अधिक मूल्यवान खिलाड़ियों को माननेवाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से खेल और खिलाड़ियों का इस्तेकबाल उनका सुनहरा आज कर रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कई प्रयास विगत साढ़े तीन वर्ष में हुए हैं, जिसका प्रतिफल है कि आज खेल के क्षेत्र से जुड़ा झारखंड का हर वर्ग अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए एशिया महाद्वीप में पहली बार महिला एशियन हॉकी चैंपियन ट्रॉफी की मेजबानी झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हो रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले सिमडेगा में नेशनल जूनियर हॉकी प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था, जहां पूरे भारत से आये खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
राज्य के हुनरमंद स्कूली बच्चों की प्रतिभा को तराशने के लिए स्कूल स्तर पर खेलो झारखंड का आयोजन किया गया। जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इसकी शुरूआत की, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों के बच्चों ने भाग लेकर अपने हुनर को दिखाया। वहीं दूसरी ओर सहाय स्कीम की शुरूआत की गयी है, जिसका मकसद खेल के माध्यम से नक्सल क्षेत्र में रह रहे युवाओं के बीच सकारात्मकता का संचार कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़े रखने का प्रयास करना है। इस पहल के जरिये पहले वर्ष में कुल 75 हजार खिलाड़ियों ने भाग लेकर सरकार के प्रयास को सार्थक किया। राज्य के खिलाड़ियों की शारीरिक दक्षता को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनको दी जानेवाली भोजन की राशि में दोगुना से अधिक वृद्धि की गयी। पूर्व में प्रति खिलाड़ी 175 रुपये भोजन की राशि के तौर पर दी जाती थी, जिसे बढ़ा कर 350 रुपये तक कर दिया गया। साथ ही खिलाड़ियों के बेहतर आवासन हेतु खेल केंद्रों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों को रहने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन में किसी तरह की बाधा न उत्पन्न हो। इसलिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धा में भाग लेनेवाले खिलाड़ियों को उच्च कोटि के खेल किट भी सरकार उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं ओलंपिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करनेवाले एवं प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करनेवाले खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को दी जाने वाली सम्मान राशि में वृद्धि की गयी। राज्य के होनहार खिलाड़ियों के लिए सरकार ने नकद पुरस्कार नियमावली में संशोधन किया है। पहले जहां एक खिलाड़ी को सात हजार रुपये मिलते थे, अब उस खिलाड़ी को 50 हजार रुपये देने का प्रावधान खेल नीति-2022 के तहत किया गया। ओलंपिक में अगर खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतता है, तो पहले उन्हें दो करोड़ रुपये देने का प्रावधान था, पर वर्तमान सरकार ने खेल नीति के तहत उसे बढ़ा कर पांच करोड रुपये कर दिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा 19 खेलों के लिए 222 खिलाड़ियों एवं 52 प्रशिक्षकों के बीच करीब पांच करोड़ रुपये की सम्मान राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गयी।
झारखंड का गौरव बढ़ानेवाले पूर्व खिलाड़ियों के लिए भी सरकार वर्तमान सरकार संवेदनशील रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्व खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये प्रति माह बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया किया गया है। इसके अतिरिक्त अगर किसी पेंशनभोगी पूर्व खिलाड़ी की मौत हो जाती है, तो उनके परिजनों को पांच हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।