रांची। चाइबासा जेल में बंद अपराधी अमन साहू को छत्तीसगढ़ पुलिस प्रोडक्शन वारंट के तहत अपने साथ रायपुर ले गयी। रविवार की देर रात रायपुर क्राइम ब्रांच की 10 सदस्यीय टीम चाइबासा आयी और कड़ी सुरक्षा के साथ अमन साहू को अपने साथ ले गयी। अमन साहू पर तीन माह पहले रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में एक कारोबारी के दफ्तर के बाहर फायरिंग करने का आरोप है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच करने के लिए उसे अपने साथ रायपुर ले गयी। गौरतलब है कि अमन साहू को प्रोडक्शन वारंट में रायपुर लाने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोर्ट से पांच से छह बार प्रोडक्शन हासिल कर चुकी थी, लेकिन अब तक अमन को रायपुर नहीं लाया जा सका था।
ढाई साल में नौ जेल में किया गया शिफ्ट, फिर भी अपराध पर लगाम नहीं
जेल में बंद अपराधी अमन साहू को पिछले ढाई साल में नौ बार एक जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद भी उसका आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अमन साहू जेल से ही अलग-अलग जिलों के कारोबारियों को लगातार धमकी देने और रंगदारी वसूलने का काम करता रहा है। दो महीने पहले अमन साहू ने हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को बंदी पत्र लिख कर दावा किया था कि उसकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उसने आरोप लगाया था कि साजिश में पुलिस अफसर, कोयला माफिया और राजनेता शामिल हैं। साजिश के तहत उसे एक से दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा रहा है।
अमन साहू गैंग का सुनील मीणा झारखंड पुलिस के लिए चुनौती
अमन साहू गैंग का सुनील मीणा, जिसको गिरफ्तार करना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। सुनील मीणा मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घडसाना के नयी मंडी का रहने वाला है। सुनील लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विश्वस्त लोगों में रह चुका है। वर्क वीजा पर भारत से मलेशिया गया सुनील कुआलालंपुर में रहने के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस के संपर्क में आया और मलेशिया से ही अपराध की दुनिया में अपनी जड़ें जमाने लगा। वह लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर राजस्थान और पंजाब के कई जिलों में हत्या, रंगदारी वसूली, फायरिंग जैसे घटनाओं को अंजाम दिलाने लगा है।