रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी किये जाने के बाद बवाल की स्थिति पैदा हो गयी है। कोल्हान से लेकर संताल तक और पलामू से लेकर कोयलांचल तक पार्टी में नाराजगी है। कई बड़े नेताओं ने तो पार्टी तक छोड़ दी है। भाजपा को सबसे बड़ा झटका कोल्हान में लगा है, जहां पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार के इस्तीफे के बाद अब गणेश महली ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह झामुमो के टिकट पर सरायकेला से चुनाव मैदान में उतरेंगे। इस सीट से भाजपा ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को उतारा है। गणेश महली दो बार यहां से भाजपा प्रत्याशी रह चुके हैं। उधर संथाल में भाजपा की कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और चुन्ना सिंह के बारे में भी कहा जा रहा है कि वे भी झामुमो में शामिल हो सकते हैं। लुईस मरांडी दुमका से और चुन्ना सिंह सारठ से विधायक रह चुके हैं। इस बार पार्टी ने इन दोनों को टिकट नहीं दिया है।

उधर पलामू की हुसैनाबाद सीट पर कमलेश सिंह को भाजपा का टिकट दिये जाने से स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। धनबाद और गिरिडीह की कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को लेकर नाराजगी की खबर है।
भाजपा नेता संदीप वर्मा रांची से निर्दलीय लड़ेंगे

भाजपा नेता संदीप वर्मा ने टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने रविवार को मीडिया से कहा कि वह रांची सीट से निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। सर्वे और रायशुमारी की अनदेखी कर टिकट का बंटवारा किया गया। 2019 वाली गलती फिर से दोहरायी गयी है। रौशनलाल चौधरी को पांच मिनट के अंदर टिकट मिला। ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो भी टिकट लेकर निकल गये। मीरा मुंडा क्या योगदान रहा है। समीर उरांव, गीता कोड़ा, सीता सोरेन को लोकसभा में मिली हार के बाद किस आधार पर टिकट दिया गया।

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