रांची। कोलकाता की घटना को लेकर जहां एक तरफ कोलकाता में डॉक्टरों का आंदोलन दां महीने से जारी है, वहीं करीब 200 घंटे से सभी डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं। वहीं अब इस आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। मंगलवार से आइएमए, जेडीएन और एफएआइएमए के आह्वान पर डॉक्टरों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरूआत की है। इस आंदोलन का समर्थन रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने भी किया। मंगलवार सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक के लिए भूख हड़ताल की थी, लेकिन जेडीए रिम्स ने झारखंड में घोषित होने वाले आदर्श आचार संहिता को लेकर डब्ल्यूबीजेडीएफ (आरजी कार मामले के लिए) के साथ एकजुटता में आईएमए (जेडीएन और एमएसएन) और एफएआइएमए द्वारा संयुक्त रूप से एक दिवसीय भूख हड़ताल वापस ले लिया है।

इससे पहले भूख हड़ताल की वजह से रिम्स की तमाम ओपीडी और ओटी सेवाएं बंद थी। जिसे अब बहाल कर दिया गया है। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं पहले भी बहाल रखने का निर्णय लिया था। हड़ताल के कारण मरीज भी बेहद परेशान नजर आ रहे थे, जो अब राहत की सांस ले रहे हैं। दूर-दराज से आए इलाज के लिए आए लोग पहले लौट रहे थे, लेकिन अब इलाज शुरू होने से उन्हें राहत मिली है।

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