रांची। झारखंड में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग की सक्रियता बढ़ रही है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब बीते 27 सितंबर को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हरियाणा के रहने वाले दो शार्प शूटर लातेहार में एक समाजसेवी की हत्या करने पहुंचे थे। हालांकि घटना को अंजाम देने से पहले ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गये अपराधियों में अश्विनी कुमार, प्रिंस कुमार, चंदवा के उमेश कुमार सिंह और सर्विस कुमार यादव शामिल हैं। पूछताछ में प्रिंस कुमार ने बताया है कि वह तिहाड़ जेल में बंद हशिम बाबा के कहने पर झारखंड आया था। बता दें कि अश्विनी और प्रिंस गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है।
रोहित, गोल्डी और संपत के जरिये लॉरेंस के संपर्क में आया था सुनील मीणा
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा सुनील मीणा को गिरफ्तार करना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। सुनील मीणा मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घडसाना के नयी मंडी का रहने वाला है। सुनील लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विश्वस्त लोगों में रह चुका है। जब वह वर्क वीजा पर भारत से मलेशिया गया था, तब वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस के संपर्क में आया था। इसके बाद सुनील मीणा मलेशिया से ही अपराध की दुनिया में अपनी जड़े जमाने लगा।
अमन साहू गैंग से भी जुड़ा है सुनील मीणा, झारखंड में दिला रहा घटना को अंजाम
सुनील मीणा लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अलावा झारखंड के डॉन अमन साहू के राइट हैंड माने जाने वाले मयंक सिंह से भी जुड़ा है। वह यहां भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिलाने में लगा है। अमन साहू गैंग के इशारे पर सुनील मीणा ने ही झारखंड में कोल ट्रांसपोर्ट कर रही छत्तीसगढ़ की आरकेटीसी कंपनी के कोरबा स्थित ऑफिस में अधिकारियों पर फायरिंग करायी थी। सुनील मीणा ने इस कंपनी के डायरेक्टर सुशील सिंघल की हत्या के नियत से रायपुर स्थित कंपनी के हेड ऑफिस पर फायरिंग करावायी थी।