रांची। मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि वे चाहते थे, कि मूलवासी सदान मोर्चा एक सामाजिक संगठन है और उनके लोग राजनीति पार्टी से जुड़े हैं, वैसे लोगों को भी राजनीतिक दल कुछ टिकट दें जो हमेशा झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में शामिल रहे हैं और मूलवासी सदानों, पिछड़ों दलितों, और झारखंड के हितों के लिए लड़े हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश भाजपा के प्रदेश के नेताओं ने इन मांगों को दर किनार कर दिया है। राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि भाजपा जैसी पार्टी सिर्फ एक वर्ग की बात करेगी और अपने मूल वोटर को दरकिनार करती है तो आने वाले समय में भाजपा को नुकसान हो सकता है। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से कहा था, जेडीयू और लोजपा का झारखंड में कोई जनाधार नहीं है और उनकी पार्टी झारखंड अलग राज्य का विरोध किया था। ऐसे में भाजपा इन दोनों दलों से समझौता करती है तो फिर यहां के मूलवासी सदान आदिवासी इन दलों को वोट नहीं करना चाहेंगे।

केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदान पहले से ही 112 प्रखंडों में मुखिया, प्रमुख, और जिला परिषद अध्यक्ष नहीं बन सकता है। 5 (पांच) लोकसभा और 28 विधानसभा सीटों पर मूलवासी सदान चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। ऐसे में सामान्य सीट में भी आदिवासी को ही टिकट मिलेगा तो मूलवासीय सदान कहां जायेंगे। राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि राजधनवार से पहले से ही बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं और अब भाजपा ने सीता सोरेन को सामान्य सीट जामताड़ा से उम्मीदवार बना दिया है, वहीं क्षेत्रीय जेएमएम ने भी गांडेय से कल्पना सोरेन को उम्मीदवार बनाकर विधायक बनाया है। ऐसे में मूलवासी सदान कहां जायें। मूलवासी सदान सिर्फ वोट देने के लिए नहीं हैं। प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदान मोर्चा विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बैठक रांची में करेगा और सबसे सहमति के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेगा।

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