रांची। ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) की शिकार लड़की के अब तक बरामद नहीं होने से संबंधित एक मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। एक क्रिमिनल अपील की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाइकोर्ट की खंडपीठ को मौखिक बताया गया कि ट्रैफिकिंग की शिकार पीड़ित लड़की को अब तक पुलिस की एसआइटी टीम नहीं ढूंढ़ सकी है। लेकिन एक अन्य लड़की ढूंढ़ ली गयी है। राज्य सरकार की ओर से पीड़ित लड़की को खोजने के संबंध में अद्यतन जानकारी देने के लिए दो सप्ताह के समय की मांग की गयी।

इस पर हाइकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार जो बच्चे बरामद हो रहे हैं, उनके पुनर्वास के लिए राज्य सरकार के पास कोई स्कीम है या नहीं? ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चे पुलिस अगर बरामद करती है तो उनका पुनर्वास कैसे किया जाये, इस पर राज्य सरकार की क्या नीति है? खंडपीठ ने इस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी। बता दें कि यह मामला लातेहार जिला से जुड़ा हुआ है। लड़की की गुमशुदगी को लेकर लातेहार के महुआटांड़ में कांड संख्या 11 /2023 दर्ज की गयी है।

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