शेख हसीना विरोध प्रदर्शनों से जुड़े मामले में जमानत खारिज, 5 नवंबर को अगली सुनवाई
ढाका। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए सेना के 15 सेवारत अधिकारियों की जमानत याचिकाएं बुधवार को खारिज कर दीं और उन्हें तत्काल जेल भेजने का आदेश दिया। इन अधिकारियों पर 2010 से 2024 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘मानवता के खिलाफ अपराध’, जबरन गुमशुदगी, हत्या और यातना जैसे गंभीर आरोप हैं।

जस्टिस मोहम्मद गुलाम मोर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। अब इन सभी अधिकारियों को ढाका सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। आईसीटी के एक अभियोजक ने बताया कि अधिकारी पहले सैन्य हिरासत में थे, लेकिन अब आपराधिक मामलों में नागरिक अदालत का फैसला लागू होगा। ये 15 अधिकारी सेना के विभिन्न रैंकों—मेजर से लेकर कर्नल—तक के हैं और तीन अलग-अलग मामलों से जुड़े हैं।

आईसीटी ने स्पष्ट किया है कि अपराधों की जांच नागरिक ट्रिब्यूनल के दायरे में होगी। देश के मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे लापता लोगों के परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। ट्रिब्यूनल ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 नवंबर की तारीख तय की है। सरकारी अधिकारियों ने सेना और न्यायपालिका के बीच समन्वय बनाए रखने का आश्वासन दिया है।

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