नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 16वें वित्त आयोग का कार्यकाल को एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है। 16वां वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों पर सुझाव देता है। वित्त मंत्रालय ने 10 अक्टूबर को जारी की एक अधिसूचना में कहा कि 16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई जा रही है। सरकार ने 31 दिसंबर, 2023 को 16वें वित्त आयोग का गठन किया था। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया को इसका चेयरमैन बनाया गया था। इस आयोग को 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी। 16वां वित्त आयोग मुख्य रूप से 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली 5 साल की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण पर सिफारिशें करेगा।
आयोग में चार सदस्य हैं, जिनमें सेवानिवृत्त नौकरशाह एनी जॉर्ज मैथ्यू और अर्थशास्त्री मनोज पांडा आयोग के पूर्णकालिक सदस्य हैं, जबकि एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर अंशकालिक सदस्य हैं। केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्तांतरण और राजस्व वृद्धि के उपायों पर सुझाव देने के अलावा, आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित निधियों के संदर्भ में आपदा प्रबंधन पहलों के वित्तपोषण की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा भी करेगा।