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    Home»Jharkhand Top News»धनबाद : 252 वर्ष पुराने ऐतिहासिक काली मंदिर की है अनोखी परम्परा
    Jharkhand Top News

    धनबाद : 252 वर्ष पुराने ऐतिहासिक काली मंदिर की है अनोखी परम्परा

    shivam kumarBy shivam kumarOctober 21, 2025Updated:October 21, 2025No Comments2 Mins Read
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    धनबाद। धनबाद के ऐतिहासिक 252 वर्ष पुराने तेलीपाड़ा काली मंदिर का इतिहास और मंदिर की स्थापना की कहानी जितनी रोचक है, उतना ही रोचक इस मंदिर की परंपरा भी है। जहां हर वर्ष काली पूजा पर विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। इसमें हजारों की संख्या में भक्त हिस्सा लेने मंदिर पहुंचते है।

    इस मंदिर की स्थापना की कहानी शुरू होती है आज से 252 साल पहले। कहते हैं, तेलीपाड़ा निवासी मगन महतो के स्वप्न में मां काली ने दर्शन देकर यहां मंदिर स्थापित करने को कहा। इसके बाद यहां मां काली की प्रतिमा रख कर यहां पूजा अर्चना शुरू की गई। इसके 4 साल बाद यहां एक छोटा मंदिर का निर्माण किया गया। वहीं, वर्ष 1987 में भक्तों की ओर से इस मंदिर का जीर्णोद्धार करते हुए यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया।

    जहां हर साल काली पूजा के दिन विशेष पूजा पंडाल का निर्माण किया जाता है। इसमें हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। काली पूजा के दिन अमावस्या में यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमे सैकड़ो की संख्या में बकरों की बलि दी जाती है। इसके साथ ही यहां आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में खचडी और खीर का भी वितरण पूजा कमिटी की ओर से किया जाता है। कहते हैं इस मंदिर में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। इसलिए दूरदराज से यहां भक्त मन्नत मांगने के लिए जुटते हैं।

    वहीं पूजा कमिटी के सेक्रेटरी संतोष साव ने बताया कि इस बार काली पूजा पर यहां शमशान घाट की थीम पर पंडाल बनाया गया है। इसमे भूत प्रेत आदि को दर्शाया गया है।

     

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