रांची। पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में थैलेसीमिया के पीडित बच्चों को संक्रमित खून चढाने की घटना दुखद है। इस घटना की जिम्मेवारी स्वास्‍थ्‍य मंत्री इरफान अंसारी को लेना चाहिए। यह बातें माकपा की वरिष्ठ नेत्री वृंदा करात ने बुधवार को मेन रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को नागरिकता निर्धारण का उपकरण नहीं बनाया जा सकता है। निर्वाचन आयोग की ओर से 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को विस्तारित करने के फैसले का माकपा कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया गरीबों और कमजोर वर्गों के बड़े हिस्से को मताधिकार से वंचित कर सकती है।

उन्होंने कहा कि बिहार के अनुभव से यह स्पष्ट हुआ है कि इस प्रक्रिया के तहत समाज के कमजोर तबकों के अनेक लोग मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए। उन्‍होंने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब नागरिकता निर्धारण के अधिकार क्षेत्र को लेकर मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, तब भी निर्वाचन आयोग इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।

आयोग ने बिहार के अनुभव से नहीं लिया सबक

उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने बिहार के अनुभव से कोई सबक नहीं लिया है। आयोग को यह स्वीकार करना पड़ा था कि पात्रता के प्रमाण के रूप में मांगे गए 11 दस्तावेज़ प्रारंभिक आवेदन के साथ अनिवार्य नहीं हैं। यहां तक कि आधार कार्ड जिसे सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद जोड़ा गया, मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनना चाहिए।

मौके पर पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने घाटशिला उप चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के समर्थन करने की घोषणा की।

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