नई दिल्ली। रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में भारतीय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग, तकनीकी प्रणाली और यात्रियों की सुरक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन कर रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जो रेलवे के आधुनिकीकरण, क्षमता विस्तार और सुरक्षा के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने यहां आयोजित तीन दिवसीय 16वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी (आईआरईई 2025) में विभिन्न पवेलियनों का दौरा कर रेल क्षेत्र के लिए विकसित हो रही नई तकनीकों और समाधानों का अवलोकन किया। उन्होंने भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि ये कंपनियां भारत की सुरक्षित, प्रभावी और हरित रेलवे नेटवर्क की परिकल्पना को साकार करने में योगदान दे रही हैं। प्रदर्शनी का आज दूसरा दिन था। यह प्रदर्शनी शुक्रवार तक चलेगी। आज देश-विदेश से आए वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग विशेषज्ञों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों ने प्रदर्शनी में आयोजित चर्चाओं में भाग लिया। प्रदर्शनी में उभरती हुई रेलवे तकनीकों, सुरक्षा समाधानों और हरित नवाचारों को प्रदर्शित किया गया, जो भारतीय रेलवे को एक आधुनिक, स्मार्ट और पर्यावरण के अनुकूल नेटवर्क में रूपांतरित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

इस मौके पर बिट्टू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग और यात्रियों की सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति कर रहा है। रेक, कोच, फ्रेट वैगन और लोकोमोटिव के आधुनिकीकरण से लेकर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के प्रयोग तक, भारत तेजी से एक वैश्विक रेल महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जो रेलवे क्षमता विस्तार, सुरक्षा और सतत विकास के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

बिट्टू ने कहा कि हाई-स्पीड और सेमी हाई-स्पीड रेल सिस्टम के विकास और कवच 4.0 जैसे अत्याधुनिक एंटी कोलिज़न सिस्टम के कार्यान्वयन के माध्यम से, हम देशभर में रेलवे सुरक्षा और तकनीकी दक्षता की 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने की दिशा में अग्रसर हैं।

प्रदर्शनी में आज आयोजित विभिन्न सत्रों में यह रेखांकित किया गया कि भारतीय रेल अब देश के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क की रीढ़ बन चुकी है। चर्चा में यह भी सामने आया कि कैसे कोल्ड चेन, कंटेनरीकरण, रो-रो सेवाओं और स्मार्ट टर्मिनलों के एकीकरण से रेल परिवहन को अधिक कुशल और किफायती बनाया जा सकता है। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के ‘गति शक्ति’ विज़न के अनुरूप है, जो एकीकृत इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना को गति दे रहा है।

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (रेट्स) सुरेंद्र अहिरवार ने कहा कि भारत का रेल पारिस्थितिकी तंत्र बहुआयामी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। 31 हजार किलोमीटर नई पटरियां बिछाई जा रही हैं, 45 हजार किलोमीटर से अधिक विद्युतीकरण हो चुका है और नए प्रोजेक्ट्स की पाइपलाइन लगातार बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य एक सहज, एकीकृत और पर्यावरण अनुकूल रेल-आधारित फ्रेट एवं लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम का निर्माण है।

उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय अब संयोजन, क्षमता और कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे रेल को भविष्य के लिए तैयार एक सतत परिवहन माध्यम के रूप में स्थापित किया जा सके।

रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) आर. राजगोपाल ने कहा कि रेल प्रणाली के विकास में नवाचार और अनुशासन का संतुलन आवश्यक है। रिसाइक्लिंग और गुणवत्ता नियंत्रण के माध्यम से भारत एक ऐसे रेल सिस्टम का निर्माण कर सकता है, जो उच्च प्रदर्शन वाला, विश्वस्तरीय और टिकाऊ हो।

सीआईआई द्वारा रेलवे मंत्रालय के सहयोग से आयोजित आईआरईई 2025 एशिया की सबसे बड़ी रेल परिवहन प्रदर्शनी मानी जाती है। यह आयोजन न केवल उद्योग साझेदारी और नीतिगत संवाद का मंच है बल्कि भारत की रेल रूपांतरण यात्रा को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान करता है।

इस वर्ष की प्रदर्शनी में स्मार्ट ट्रेनों, स्वचालित निरीक्षण प्रणालियों, ऊर्जा दक्ष लोकोमोटिव, ग्रीन कोच तकनीक और डिजिटल फ्रेट मैनेजमेंट जैसे कई नवाचार प्रदर्शित किए गए, जो भारतीय रेलवे के ‘सुरक्षित, स्मार्ट और हरित’ भविष्य की दिशा में ठोस कदम साबित होंगे।

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