पश्चिमी सिंहभूम। पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिला मुख्यालय में नो-एंट्री व्यवस्था को लेकर जारी विवाद अब और गहराता जा रहा है। शहर में सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। पुलिस पर पथराव और हंगामे के आरोप में चाईबासा मुफस्सिल थाना में 74 लोगों को नामजद और करीब 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तार लोगों में 6 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं।
मामला 27 अक्टूबर को उस समय भड़का जब प्रदर्शनकारियों ने परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा के आवास का अनिश्चितकालीन घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई और दोनों ओर से तनाव बढ़ गया। चाईबासा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो के बयान पर मामला दर्ज किया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शहर में लागू नो-एंट्री व्यवस्था से आम लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनका आरोप है कि इस व्यवस्था से दैनिक आवाजाही प्रभावित हो रही है और शहर में अनावश्यक जाम की स्थिति बन रही है। उनका कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए बल प्रयोग किया।
इस बीच, बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और आदिवासी हो समाज के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त चंदन कुमार से मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कोड़ा ने प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सभी गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त रिहा किया जाए और नो-एंट्री व्यवस्था पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस दोनों सतर्क हैं, लेकिन शहर में तनाव कायम है।

