कोलकाता। उत्तर बंगाल के पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में भारी वर्षा और भूस्खलन से हुई तबाही के बीच पिछले 24 घंटे में तीन और शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। यह जानकारी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने दी है।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राहत एवं बचाव कार्य जारी रहने के कारण मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह तक आधिकारिक मृतक संख्या 36 थी और उस दिन कोई नया शव नहीं मिला था। उन्होंने कहा, “हालांकि पिछले 24 घंटे में तीन और शव मिले हैं, जिनमें से दो शव जलढाका नदी में बहकर आए थे।” पिछले 24 घंटे में बरामद किए गए शवों की अभी पहचान नहीं हो सकी है।

इसी बीच, क्षेत्र में गुरुवार से मौसम की स्थिति सामान्य होने के बाद राहत, बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आई है। कई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जा चुकी है और लोकप्रिय सैर मार्गों में से कुछ, जिनमें प्रसिद्ध संदकफू ट्रेकिंग मार्ग भी शामिल है, पर्यटकों के लिए दोबारा खोल दिए गए हैं। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती पहाड़ी इलाकों में बिजली आपूर्ति को पूरी तरह बहाल करना है। उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन कई हिस्सों में अभी काम बाकी है। राज्य विद्युत विभाग के अधिकारी युद्ध स्तर पर बहाली कार्य में जुटे हैं।”

इस बीच, घटना को लेकर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सोमवार और मंगलवार को उत्तर बंगाल के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं किया। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री ने केवल अपेक्षाकृत सामान्य इलाकों का ही जायजा लिया। हालांकि इस आरोप पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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