चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में शिक्षकों से लाखों रुपये की अवैध वसूली के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। उपायुक्त चंदन कुमार के निर्देश पर विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित शिक्षकों में शामिल हैं:
राकेश महतो – मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय, चक्रधरपुर
प्रदीप फेडरिक मिंज – प्लस टू उच्च विद्यालय, गोइलकेरा
अलोक मुंडू – प्लस टू उच्च विद्यालय, कुल्डा, बंदगांव

यह मामला स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों से जुड़ा है, जिनसे बकाया वेतन भुगतान के नाम पर अवैध रूप से 35 से 40 लाख रुपये तक की वसूली की गई थी। बताया जा रहा है कि यह राशि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और नकद दोनों तरीकों से ली गई थी। इस संबंध में शिक्षकों के एक समूह ने जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनसे वेतन दिलाने के नाम पर बड़ी रकम वसूली गई, लेकिन न तो वेतन मिला और न ही पैसा वापस किया गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो ने बताया कि प्रारंभिक जांच में तीन शिक्षकों की संलिप्तता पाई गई, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच अभी जारी है और यदि अन्य लोग भी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी चाहे वह किसी भी पद पर हों। जांच में सामने आया है कि शिक्षक अलोक मुंडू ने वसूली की गई राशि अपनी पत्नी अमिता आइंद के बैंक खाते में ट्रांसफर की थी। विभाग ने अब उनसे और उनकी पत्नी से पिछले तीन महीनों के बैंक स्टेटमेंट मांगे हैं। वहीं, प्रदीप फेडरिक मिंज से भी उनके सभी बैंक खातों का विवरण तलब किया गया है। शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को सख्त चेतावनी दी है कि यदि जांच में दोष सिद्ध होता है तो उनके विरुद्ध सेवा समाप्ति तक की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

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