भारी बारिश ने छीना एकमात्र सहारा, पुल टूटकर बह गया
श्याम बच्चन यादव
गढ़वा/सगमा। प्रखंड के चैनपुर गांव स्थित कुशवाहा टोला के ग्रामीण पिछले बीस वर्षों से बांस-बली से बने अस्थायी पुल के सहारे अपनी जीवन की नैया पार कर रहे हैं। करीब एक सौ घरों की आबादी वाले इस टोला के लोग हर दिन इसी पुल से होकर दुधवा नदी पार कर उत्तर प्रदेश के विंढमगंज बाजार पहुंचते हैं। विंढमगंज बाजार ही इन ग्रामीणों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों, बच्चों की पढ़ाई और बीमारों के इलाज का मुख्य केंद्र है। ग्रामीण बताते हैं कि कुशवाहा टोला क्षेत्र का यह इलाका सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लगभग नब्बे प्रतिशत लोग बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं और अपनी उपज विंधमगंज बाजार में बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। हर दिन दर्जनों सब्जी विक्रेता इसी अस्थायी बांस पुल से होकर नदी पार करते हैं। मगर बीते दिन हुई भारी बारिश में यह पुल टूटकर बह गया, जिससे ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। अब ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए जोखिम उठाकर बांस-बल्ली के सहारा लेना पड़ रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई, सब्जी व्यापार और बीमारों का इलाज गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है। ग्रामीण अशोक कुशवाहा, राम स्वरूप कुशवाहा, उदय कुशवाहा, राम कुमार कुशवाहा, प्रभात कुशवाहा, रत्न कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, अजय कुशवाहा, उपेंद्र कुशवाहा, विजय कुशवाहा, बिनोद कुशवाहा और अमित कुशवाहा ने बताया कि वे लोग बीस वर्षों से अपने पैसे से हर साल बांस का पुल बनवाकर किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं। कई बार उन्होंने पुल निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी, पर अब तक स्थायी पुल नहीं बन सका।

ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान विधायक अनंत प्रताप देव ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि उन्हें जिताने पर तीन माह के भीतर पुल का निर्माण कराया जायेगा, लेकिन वादा आज तक अधूरा है। वहीं, प्रखंड प्रमुख अजय साह ने बताया कि आगामी 8 अक्तूबर को जिला परिषद की मासिक बैठक में वे उपायुक्त से चैनपुर कुशवाहा टोला में स्थायी पुल निर्माण की मांग करेंगे, ताकि ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान हो सके।

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