नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज अर्थव्यवस्था को और खोलने पर जोर देते हुए कहा कि कंेद्र सरकार और निवेश आकषिर्त करने और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कमी को पूरा करने के लिए सुधारांे की रफ्तार तेज करेगी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक वृद्धि दर के मोर्चे पर ‘काफी हद तक बेसब्री’ है।
भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में यहां अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ ही संरक्षणवाद के लिए आवाज उठाने वाली आवाजें गायब हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत यह है कि हम किसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अपने खुद के मानदंड के हिसाब से हम संतुष्ट नहीं हैं। भारत में इस बात को लेकर बेचैनी है और यह अहसास भी है कि हम अधिक तेजी से वृद्धि कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक के बाद दुनिया में भारत की आवाज पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे में और सुधार, अर्थव्यवस्था को अधिक खोलने, अधिक निवेश आकषिर्त करने और विनिर्माण में अधिक विस्तार के लिए तथा बुनियादी ढांचे में कमी को अधिक तेजी से पाटने के लिए हम यह कर रहे हैं।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि 2,200 अरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था विस्तार कर रही है और यह संरक्षणवाद की आवाजों से सबसे कम प्रभावित है। उन्होंने कहा, आमतौर पर यह देखने में आता है कि अल्प विकसित या विकासशील अर्थव्यवस्थाएं संरक्षणवाद की आवाज उठाती हैं। भारत में इस तरह की आवाज सुनाई नहीं देती।
जेटली ने कहा, हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की सोच रहे हैं।
यही हमारी अर्थव्यवस्था की दिशा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कई अवसर गंवाए जा चुके हैं। कोई भी आकांक्षी देश अब इन अवसरों को बेकार नहीं जाने देगा। उन्होंने कहा, यदि आप उन क्षेत्रों को देखें जहां वद्धि की संभावनाएं हैं, तो एक निश्चित क्षेत्र विनिर्माण है। निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना है। तभी हम यह जानेंगे कि हम अधिक नौकरियों का सजन कर रहे हैं और अधिक बेहतर तरीके से विस्तार कर रहे हैं।
अरुण जेटली ने कहा कि पूर्वी भारत वद्धि की भारी संभावनाएं हैं। ग्रामीण इलाकों में कमी है और वहां निवेश की शानदार संभावनाएं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन यूरोप के बाहर भारत जैसे देशों की ओर देख रहा है। भारत जैसे देश व्यापार और कारोबार में उसके भविष्य के शानदार सहयोगी बन सकते हैं। जेटली ने कहा कि भारत पिछले कुछ साल से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार की तैयारी कर रहा है।