कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में 19 नवंबर को हुए उप चुनाव की मतगणना में आज तृणमूल कांग्रेस ने दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और उसके प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से जीते हैं। तमलुक लोकसभा सीट पर तृणमूल के दिव्येन्दु अधिकारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी माकपा के महिंद्रा पांडा को 4.97 लाख मतों के अंतर से हराया। वर्ष 2014 में उन्होंने 2.5 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। कूचबेहार लोकसभा सीट पर तृणमूल के पार्थप्रतिम राय ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा प्रत्याशी हेमचंद्र बर्मन को 4.9 लाख मतों के अंतर से हराया। इस सीट पर वाम मोर्चा की सहयोगी फारवर्ड ब्लॉक तीसरे स्थान पर रही। राय ने वर्ष 2014 की तुलना में इस बार अपने जीत के मतों के अंतर में 38,000 की वृद्धि की।

मोन्टेश्वर विधानसभा सीट पर तृणमूल के सैकत पांजा ने 1.27 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी माकपा के मोहम्मद उस्मान गनी सरकार को हराया। माकपा, कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

मई 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में तृणमूल की जीत का अंतर 786 वोट था जब कांग्रेस और माकपा ने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था। कूचबेहार लोकसभा सीट और मोन्टेश्वर विधानसभा सीट पर क्रमश: तृणमूल सांसद रेणुका सिन्हा और विधायक सजल पांजा के निधन के कारण उपचुनाव कराया गया। तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल के सांसद सुवेन्दु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की नन्दीग्राम विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता और अब वह राज्य मंत्री हैं। सुवेन्दु दिव्येन्दु के बड़े भाई हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उप चुनाव के परिणामों को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ जनादेश करार दिया है। उन्होंने विपक्ष द्वारा आयोजित विरोध रैली में हिस्सा लेने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा ‘‘उप चुनाव के परिणाम केंद्र के नोटबंदी संबंधी जनविरोधी फैसले के खिलाफ करारा जवाब हैं। यह केंद्र के खिलाफ सामूहिक विद्रोह के बजाय जनता का विद्रोह है। भाजपा को इस जनादेश से सबक लेना चाहिए।’’

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