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    Home»राजनीति»केंद्र सांप्रदायिकता रोकने में नाकाम, देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना तबाह हो जाएगा: अब्दुल्ला
    राजनीति

    केंद्र सांप्रदायिकता रोकने में नाकाम, देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना तबाह हो जाएगा: अब्दुल्ला

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीNovember 29, 2017No Comments4 Mins Read
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    श्रीनगर/जम्मू: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला और भाजपा के बीच घमासान जारी है. फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर देश में सांप्रदायिकता रोक पाने में विफल रहने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अगर इस तरह की घटनाएं होती रहीं तो भारत का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना तबाह हो जाएगा.

    अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले कुछ साल से हो रहीं घटनाएं देश में धार्मिक सहिष्णुता और आजादी को प्रभावित कर रही हैं. पार्टी की एक विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने यहां पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, नई दिल्ली में सरकार देश में सांप्रदायिकता को रोक पाने में नाकाम रही है. अगर यह इसी तरह चलता रहा तो देश विनाश के कगार पर पहुंच जाएगा.

    उन्होंने कहा, सांप्रदायिकता देश के सदियों पुराने धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को तबाह कर देगी. पिछले कुछ साल से सांप्रदायिकता की घटनाएं धार्मिक सहिष्णुता, भाईचारे और धार्मिक आजादी को आहत कर रही हैं. नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष ने कहा, लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंता का विषय है.

    जम्मू-कश्मीर भाजपा ने मंगलवार को कहा कि यह राज्य भारत का अभिन्न अंग है और जो लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं उन्हें पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.

    पार्टी प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने केंद्र को पाक के क़ब्जे वाले कश्मीर से पहले कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने की चुनौती दी थी. गुप्ता ने अब्दुला को राष्ट्र-विरोधी और व्यर्थ बयान नहीं देने की नसीहत दी. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और जिन्हें यह स्वीकार नहीं है उन्हें पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.

    जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी थी कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में तिरंगा फहराने की बातें करने से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दिखाए.

    इस पर भाजपा ने फ़ारूक़ की टिप्पणी की आलोचना की. पार्टी नेता एवं राज्य के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस अलगाववादियों और आतंकवादियों को मजबूत कर रही है. उन्होंने कहा कि लाल चौक सहित राज्य के हर हिस्से में तिरंगा फहराया जा रहा है.

    फ़ारूक़ ने हाल में यह टिप्पणी भी की थी कि पीओके भारत का हिस्सा कभी नहीं बन सकता. अपनी इस टिप्पणी के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिर्फ तथ्य कहा और पीओके के बारे में जो कुछ कहा वह सच है.

    उन्होंने कहा, वे केंद्र एवं भाजपा पीओके में झंडा फहराने की बातें कर रहे हैं. मैं उनसे कहता हूं कि वे पहले श्रीनगर के लाल चौक पर जाकर तिरंगा फहराएं. वे ऐसा कर नहीं सकते और पीओके की बातें करते हैं.

    अपनी टिप्पणी के बचाव में नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, यदि आप सच सुनना पसंद नहीं करते तो भुलावे में ही रहें. सच यह है कि पीओके हमारा हिस्सा नहीं है और यह जम्मू-कश्मीर उनका पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है. यह सच है.

    कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद जीएल डोगरा की 30वीं पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में फ़ारूक़ ने यह टिप्पणी की.

    यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसी टिप्पणियां करके भारतीय संवेदनाएं आहत नहीं कर रहे, उन्होंने कहा, भारतीय संवेदना क्या होती है? क्या आप यह सोच रहे हैं कि मैं भारतीय नहीं हूं?

    उन्होंने कहा, आप किनकी संवेदनाओं की बात कर रहे हैं? उन दुष्टों के बारे में जिन्हें हमारी तकलीफें नहीं दिखाई देतीं? जो सीमा पर रहने वाले लोगों की तकलीफें नहीं देखते कि जब गोले बरसने शुरू होते हैं तो उन्हें कैसी तकलीफ से गुजरना पड़ता है?

    हाल में छुट्टी पर गए थलसेना के एक जवान की हत्या के बारे में पूछने पर फ़ारूक़ ने कहा कि यह सवाल तो केंद्र से पूछा जाना चाहिए क्योंकि वह दावा करता है कि नोटबंदी के बाद कश्मीर में शांति लौट आई है.

    फ़ारूक़ ने उस घटना की निंदा की जिसमें कुछ दिन पहले राजौरी जिले में राष्ट्रगान के वक्त दो छात्र खड़े नहीं हुए. उन्होंने कहा कि देश के लिए सम्मान महत्वपूर्ण है और राष्ट्रगान सबसे अधिक सम्माननीय है.

    उन्होंने कहा कि दोषियों के माफी मांगने तक सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें हलफनामा देना चाहिए कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे.

    नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पत्थरबाजों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं. उन्होंने कश्मीर में शांति बहाली के लिए संबद्ध पक्षों से बात करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा को शुभकामनाएं दीं.

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