रांची में आवास बोर्ड को फ्लैट का खरीददार नहीं मिल रहा है. हालत यह है कि लंबे समय से बने आवास बोर्ड की इस फ्लैट के लिए कई बार आवेदन मांगा गया मगर आवेदक मिले ही नहीं. थक हार कर आवास बोर्ड ने एक बार फिर आवेदन देने का समय बढ़ा दिया है.

हां, राजधानी रांची समेत राज्य के विभिन्न शहरों में बने आवास बोर्ड के फ्लैट को खरीददार नहीं मिल रहा है. खरीददार नहीं मिलने का मुख्य कारण जर्जर हो चुके फ्लैट और उसपर से फ्लैट की बेहिसाब कीमत है. अतिक्रमणकारियों के आगे झूकी राज्य सरकार ने यह फैसला कई महीने पहले लिया था. मगर कई बार विज्ञापन जारी होने के बाद कोई खरीददार नहीं आया. लिहाजा सरकार ने एक बार फिर एक महीना के लिए आवेदन का समय बढ़ा दिया है.

रांची, धनबाद, हजारीबाग और डाल्टेनगंज में आवास बोर्ड के पास 336 फ्लैट बिक्री के लिए हैं. इसके लिए अब तक 103 आवेदन प्राप्त हुए हैं. बिक्री योग्य फ्लैट में एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस फ्लैट शामिल हैं. इन फ्लैटों की कीमत वर्तमान दर के साथ तय किया गया है जो 30 से 55 लाख तक के हैं. ऐसे में 20 से 25 वर्ष पुराना हो चुके इन फ्लैटों की हालत देखकर कोई भी खरीददार आगे नहीं आ रहा है. इधर कांग्रेस ने सरकार की नीति को इसके लिए जिम्मेवार माना है.

पिछली बार लॉटरी के माध्यम से लोगों को आवंटित फ्लैट अब तक नहीं मिले हैं. इस कारण आवास बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं. इन सबके बीच जो भी फ्लैट बिक्री की जानी है वे भी अतिक्रमणकारियों के कब्जे में हैं. ऐसे में फ्लैट के खरीददार न तो इसे सुरक्षित मान रहे हैं और न ही फ्लैट को खरीदने के लिए आगे आ रहे हैं.

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