“गुवाहटी में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में कई चीजों की…”

गुवाहटी में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में कई चीजों की जीएसटी दरों को घटाया जा सकता है। जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार मोदी सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बार-बार कांग्रेस पार्टी और पुराने वित्त मंत्रियों द्वारा चिट्ठी लिखे जाने के बावजूद जो नहीं हो सका वो गुजरात चुनाव की वजह से होने वाला है।

दरअसल, शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सबसे ऊपरी टैक्स स्लैब में शामिल 80 फीसदी वस्तुओं की दरों में कटौती की जा सकती है। इस पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्विट करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा, कांग्रेसी पूर्व वित्तमंत्रियों के लगातार खतों के बाद आज जीएसटी काउंसिल के एजेंडे पर बात होगी। इन खतों में जीएसटी को लागू करने में किस तरह की खामियां आई हैं, उस पर फोकस किया गया था, सरकार इन मुद्दों से मुंह नहीं छुपा सकती है।

चिदंबरम ने लिखा, उम्मीद करता हूं कि आज की बैठक में कई चीजों पर लगने वाले टैक्स के दर में कमी हो सकती है। सरकार इतने दबाव में है कि उसके पास कोई और रास्ता नहीं है। आगे उन्होंने लिखा, इसके लिए गुजरात चुनाव को शुक्रिया कहना चाहिए, जिसके कारण सरकार ने विपक्ष और एक्सपर्ट्स की राय पर विचार किया है।

वहीं, इस क्रम में चिदंबरम ने आरोप लगाते हुए लिखा, सरकार ने राज्यसभा में वोटिंग के दौरान जीएसटी पर चर्चा करने से मना कर दिया था, लेकिन अब जनता के सामने या फिर जीएसटी काउंसिल में चर्चा करने से मना नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, कांग्रेस के वित्तमंत्री रहे नेता आज की बैठक में भी सरकार पर दबाव बनाएंगे। आगरा, सूरत और त्रिपुरा जैसी जगहों के व्यापारी भी आज की बैठक पर नज़रे जमाए बैठे हैं।

बता दें कि गुवाहाटी में आयोजित बैठक से पहले जीएसटी काउंसिल के सदस्य और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘सबसे ऊपरी स्लैब में शामिल 227 वस्तुओं में से 80 फीसदी की दरों में कटौती की जा सकती है। जीएसटी फिटमेंट कमेटी ने कई सामानों को 18 फीसदी के स्लैब से निकालकर 12 फीसदी में रखे जाने का प्रस्ताव दिया है।

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