वर्ष 2018 की इंटर की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि समाप्त हो गई और अब दिसंबर में परीक्षा फॉर्म भरवाया जाएगा। लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में अब भी 2017 की परीक्षा के रिजल्ट के लिए छात्र दौड़ लगा रहे हैं। बोर्ड में स्क्रूटनी का काम अब भी पूरा नहीं हो सका है। समिति सूत्रों की मानें तो इंटरमीडिएट में 24 हजार और मैट्रिक में 12 हजार के लगभग उत्तरपुस्तिकाओं की स्क्रूटनी नहीं हो पायी है।
इंटर की स्क्रूटनी मई के अंतिम सप्ताह में शुरू हुई थी। वहीं मैट्रिक के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू की गई थी। लेकिन छह से सात महीने बाद भी अब तक इसका निपटारा नहीं किया जा सका है। परेशान छात्रों का कहना है कि स्क्रूटनी के बाद की स्थिति का उन्हें पता चल जाता तो वे आगे की प्रक्रिया में लग जाते। रिजल्ट लटकने से न तो बोर्ड परीक्षा 2018 के लिए फॉर्म भर पाएंगे और न इस सत्र में कहीं एडमिशन ले पाएंगे। बता दें कि रजिस्ट्रेशन फॉर्म में त्रुटि सुधार के लिए 18 नवंबर अंतिम तारीख भी जबकि मैट्रिक के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 20 नवंबर है।

बार कोडिंग नहीं होने से उत्तरपुस्तिका खोजने में हो रही परेशानी 
स्क्रूटनी के लिए जो भी आवेदन आए हैं, उनकी उत्तरपुस्तिका खोजने में भी बोर्ड को परेशानी हो रही है। कई ऐसे आवेदन हैं जिनकी उत्तरपुस्तिकाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसमें वे उत्तरपुस्तिकाएं भी शामिल हैं, जिनका बार कोड मिलान नहीं हो पा रहा है। इन उत्तरपुस्तिकाओं को खोजना बिहार बोर्ड के लिए अब बड़ी चुनौती है। सूत्रों की मानें तो इन उत्तरपुस्तिकाओ के मिलने के बाद ही स्क्रूटनी की जा सकेगी।

जेडी वीमेंस कॉलेज ने खड़े किए हाथ 
इंटर के कई विषयों का मूल्यांकन केंद्र जेडी वीमेंस कॉलेज था। इस कॉलेज में लगभग 15 सौ उत्तरपुस्तिकाएं स्क्रूटनी के लिए हैं। लेकिन इस कॉलेज ने जांच करने से मना कर दिया है। कॉलेज के अनुसार उसके यहां कई तरह की परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं। समिति सूत्रों की मानें तो जब तक इन 15 सौ उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी के लिए री-टोटलिंग नहीं होती है, तब तक रिजल्ट देना संभव नहीं हो पायेगा। इस कॉलेज के अलावा प्रदेशभर के कई मूल्यांकन केंद्रों पर बिहार बोर्ड को परेशानी आ रही है। समिति ने उत्तरपुस्तिकाओं की री-टोटलिंग करवाने के लिए कई दूत भेजे, लेकिन कॉलेजों की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है।

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