नई दिल्ली। अब सरकार सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग जरूरी करने जा रही है। अभी तक किसी भी कंपनी द्वारा बनाए गए आभूषणों पर हॉलमार्किंग जरूरी नहीं थी। लेकिन सरकार अब भारतीय मानक ब्यूरो संशोधन कानून के तहत यह कानून ला सकती है जिसे लागू करने का फैसला उपभोक्ता मंत्रालय ने किया है, सरकार जनवरी तक इसे लागू कर सकती है।
सोने की खरीददारी में हॉलमार्किंग मुख्य रूप से देखी जाती है किसी भी कंपनी कें ब्रांड में हॉलमार्किंग उसके टिकाऊपन और खरे होने के गारंटी होती है। काई भी आभूषण निर्माता कंपनी हॉलमार्किंग का लाइसेंस ले सकती है। सरकार 8, 14 और 22 कैरेट के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग जरूरी बनाने जा रही है।
राम विलास पासवान के अधीन आने वाले उपभोक्ता मंत्रालय ने मंत्री के हवाले से कहा है कि उपभोक्ता को सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग एक जरूर चीज है जो उसके असली होने का पर्याय है लेकिन ज्यादा कंपनियां इसे जरूरी नहीं समझतीं। लेकिन हम इसे लागू करने का फैसला ले रहे हैं जो आभूषणों के असली और टिकाऊ होने का प्रमाण साबित करेगा।
हॉलमार्किंग धातू की मात्रा और उसके ओरिजनल होने की गारंटी देता है जो धातू पर चिह्नित किया जाता है। हॉलमार्किंग का लाइसेंस भारतीय मानक ब्यूरो जारी करता है जिसे कोई भी सोने के आभूषण बनाने वाला निर्माता हासिल कर सकता है।