नई दिल्लीः अगर आपका या आपके किसी रिश्तेदार का बैंक अकाऊंट स्विस बैंक में है तो सावधान हो जाइए जल्द मोदी सरकार कालेधन रखने वालों पर शिकंजा कसने वाली है। स्विट्जरलैंड से ब्लैकमनी वापस लाने की दिशा में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड की पार्लियामेंट पैनल ने उस पैक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें वहां के बैंक अकाउंट में जमा होने वाली ब्लैकमनी की जानकारी भारत सरकार को रियल टाइम बेसिस पर मिलेगी।

इसे ऑटोमैटिक इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज पैक्ट कहा गया है। अब यह प्रपोजल मंजूरी के लिए विंटर सेशन में अपर हाउस से पार्लियामेंट को भेजा जाएगा, जो 27 नवंबर से शुरू हो रहा है माना जा रहा है कि इस पैक्ट की मदद से ब्लैकमनी को रोकने में भी मदद मिलेगी। रविवार को कमिशन फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स एंड टैक्सेज काउंसिल ऑफ स्टेट्स ने इस पैक्ट को मंजूरी दी है।

अगस्त में जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन 
इस पैक्ट के तहत अगर किसी भारतीय का स्विस बैंक में अकाउंट है तो इस संबंध में बैक वहां इसके लिए बनी अथॉरिटी को फाइनेंशियल अकाउंट डाटा की पूरी जानकारी देंगे। इसके बाद अथॉरिटी इस डाटा को भारत सरकार के पास ट्रांसफर कर देगी। जिसके बाद भारत में उस अकाउंट होल्डर की पर्सनल डिटेल के बारे में पता लगाया जाएगा, जिसमें उसकी इनकम, उसके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स आदि शामिल होगी।बता दें कि इसके पहले अगस्त में स्विस सरकार ने इस पैक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। स्विस सरकार ने यह भी कहा था कि इस पैक्ट में शामिल होने के लिहाज से भारत सरकार के डाटा सिक्युरिटी और कानून काफी हैं।अगले 2 सालों में मिलेगा भारत सरकार को डाटा
पैक्ट 2018 में लागू होना है और 2019 से भारत सरकार को डाटा मिलने लगेगा। गजट नोटिफिकेशन के बाद ही माना जा रहा था कि रियल टाइम डाटा मिलना अब तय है। गजट के फैक्टशीट के मुताबिक, स्विस सरकार भारत के इन्श्योरेंस और फाइनेंशियल सेक्टर में और ज्यादा रीच बढ़ाना चाहती है। इसके तहत भारत को स्विस बैंक खातों में होने ट्रांजेक्शन की रियल टाइम इन्फॉर्मेशन मिलती रहेगी।

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