रांची: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में साइबर क्राइम के मामले काफी बढ़ गए हैं. आए दिन एटीएम से फर्जी निकासी, बैंक अकाउंट हैक कर राशि निकालने तो कभी लॉटरी के नाम पर ठगी के मामले सामने आते रहते हैं. अपराध के इस नए स्वरूप पर लगाम लगाने के लिए झारखंड पुलिस ने एक विशेष अभियान ‘ऑपरेशन साइबर क्राइम’ 2017 शुरू किया है. इस अभियान में राज्य पुलिस के साथ बैंककर्मी और दूरसंचारकर्मी भी साइबर अपराधियों से लोहा लेंगे.
साइबर अपराध नक्सल और संगठित अपराध के बाद राज्य पुलिस के लिए एक नया सिरदर्द बनता जा रहा है. राज्य पुलिस इस नई बीमारी का समय रहते इलाज करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू कर रही है. राज्य पुलिस के मुखिया की माने तो ‘ऑपरेशन साइबर क्राइम’ 2017 के नाम से शुरू इस अभियान में राज्य पुलिस के अधिकारियों – जवानों के साथ बैंककर्मी और संचार सेवा से जुड़े लोग भी साइबर अपराधियों से लोहा लेंगे. इसको लेकर एक साइबर फ्यूजन सेंटर बनाया जा रहा है, जहां सभी मिल कर आए मामलों पर कार्रवाई की रणनीति तैयार करेंगे.
राज्य पुलिस द्वारा शुरू किए जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन साइबर क्राइम 2017 को लेकर बैंक अधिकारी भी उत्साहित हैं. ऑपरेशन में शामिल बैंक अधिकारियों की मानें तो राज्य पुलिस का यह प्रयास न सिर्फ साइबर अपराधियों की धड़पकड़ में कामयाब होगा बल्कि साइबर से जुड़े अपराध के मामले भी 90 प्रतिशत तक समय रहते रोके जा सकेंगे.
साइबर क्राइम के शिकार भले ही आम आदमी होते हों, लेकिन बैंक और दूरसंचार विभाग की तकनीकी खामियां एक बड़ा कारण होती है. इस कारण मामले को सुलझाने में पुलिस को काफी परेशानी होती है. ऐसे में साइबर अपराध से जुड़े मामलों को सुलझाने और इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस के साथ बैंक कर्मियों और दूरसंचारकर्मियों को जोड़ने की राज्य पुलिस की यह अनूठी पहल कारगर होगी. ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि आम लोग साइबर अपराधियों के शिकार बनने से बच सकेंगे.