रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में 9 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस वर्ष सरकार ने धान खरीद का समर्थन मूल्य 1750 रुपये निर्धारित किया है। इस पर कैबिनेट की मुहर लग गयी है। पिछले वर्ष 1700 रुपये धान का समर्थन मूल्य था। यानी सरकार किसानों से 1750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद करेगी। धान की खरीद 31 मार्च तक की जायेगी। एक दिसंबर से धान खरीद का काम शुरू हो जायेगा। पलामू प्रमंडल में एफसीआइ धान की खरीद का काम करेगा, तो अन्य प्रमंडलों में एसएफसी के माध्यम से धान की खरीद की जायेगी। धान खरीद के लिए हर प्रखंड में सेंटर खोला जायेगा। साथ ही पैक्स लैंप्स में भी सेंटर होगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद जानकारी देते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि सरकार ने चार लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। किसानों को दो सप्ताह में उनकी रकम का भुगतान हो जायेगा।  राज्य सरकार ने धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान बेचनेवाले किसानों के लिए कई प्रस्तावों को हरी झंडी देते हुए धान खरीद की व्यवस्था में भी कई परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष सरकार ने किसानों को धान जमा कराने पर बोनस भी दिया था, जिसे इस वर्ष चालू रखने पर भी विचार किया गया। विभाग इससे संबंधित लागत का ब्योरा सौंपेगा, जिसके बाद बोनस पर अंतिम फैसला होगा।

एक दिसंबर से शुरू होकर 31 मार्च तक होगी खरीदारी
कैबिनेट के फैसले के बाद तत्काल प्रभाव से धान अधिप्राप्ति के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। राज्य में 239 केंद्र पहले से ही चिह्नित किये जा चुके हैं और आवश्यकता के अनुसार केंद्रों की संख्या बढ़ाने की स्वतंत्रता उपायुक्तों को विभाग स्तर से दी गयी है। धान खरीदने की व्यवस्था में एफसीआइ मॉडल पर कई परिवर्तन भी किये गये हैं। धान क्रय केंद्र पर एक सरकारी अधिकारी, पैक्स सदस्य और एक आॅपरेटर सह एकाउंटेंट तैनात होंगे। इस प्रकार धान अधिप्राप्ति की तत्काल रिपोर्ट सरकार को मिलती रहेगी। यह तय किया गया है कि धान मिलों को अब धान के बदले बैंक गारंटी अथवा चावल देना होगा। विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने जानकारी दी कि धान खरीद में पैसे की लागत बहुत आती है इसलिए कैबिनेट ने चीनी खरीदारी के लिए रखे रिवाल्विंग फंड 200 करोड़ रुपये को धान खरीद के लिए देने का निर्णय लिया है।

झारखंड राज्य खाद्य आयोग सचिवालय में संलग्न
झारखंड राज्य खाद्य आयोग अब सचिवालय से संलग्न कार्यालयों में शुमार होगा। इस कार्यालय के लिए राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मियों की सूची तय करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।

अब बॉडी नहीं मिलने पर भी मिलेगा मुआवजा
कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगी कि आपदा से हुई मौत में बॉडी नहीं मिलने पर पोस्टमार्टम के अभाव में भी अब मुआवजा मिलेगा। इसके लिए नियम तय किये गये हैं। पहले प्रशासन लापता का विज्ञापन निकालेगा, उसके बाद परिजनों द्वारा की गयी प्राथमिकी के बाद मुआवजा मिलेगा। बता दें कि अलग-अलग आपदा की मुआवजा की राशि सरकार की तरफ से निर्धारित है।

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