गोला (रामगढ़)। गोला के प्रमुख और आजसू नेता जलेश्वर महतो का 40 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। अपहरण के इस सनसनीखेज मामले ने पूरे पुलिस प्रशासन को सकते में डाल दिया है। आइजी, डीआइजी समेत पूरा पुलिस महकमा गोला में कैंप किये हुए है। राज्य के पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के करीबी जलेश्वर महतो का अपहरण रविवार की रात करीब एक बजे दर्जन भर हथियारबंद अपराधियों ने कोइया गांव से कर लिया है। अपहर्ता उनकी क्रेटा गाड़ी और बाइक भी साथ ले गये। ऐसी सूचना है कि जलेश्वर महतो की कार लातेहार के चंदवा इलाके से बरामद कर ली गयी है, हालांकि पुलिस या परिजन इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

पुलिस को आशंका है कि जलेश्वर महतो को सिल्ली के रास्ते ले जाया गया। इसलिए पुलिस ने कई टीमों का गठन किया है और उन्हें अलग-अलग इलाकों में भेजा गया है।

कई करोड़ की लेवी मांगी गयी है
इलाके में चर्चा है कि जलेश्वर महतो से अपहर्ताओं ने एक नहीं, कई करोड़ की लेवी की मांग की है। इस बाबत भी परिजन चुप्पी साधे हुए हैं। इधर पुलिस अधिकारी भी इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलेश्वर महतो के कई करीबी अलग-अलग इलाके में अपने तरीके से अपहर्ताओं से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कामयाबी नहीं मिली है। पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है। मंगलवार को हजारीबाग रेंज के आइजी शंभू ठाकुर और डीआइजी पंकज कंबोज कोइया गांव पहुंचे।

उन्होंने जलेश्वर महतो के परिजनों से बातचीत भी की। जब मीडिया कर्मियों ने इन दोनों अधिकारियों से इस मामले की बाबत पूछा, तो उन्होंने केवल इतना कहा कि जांच चल रही है। जलेश्वर महतो की सुरक्षित रिहाई के प्रयास किये जा रहे हैं। पूरा पुलिस महकमा फिलहाल गोला में ही कैंप किये हुए है। राज्य के बड़े ठेकेदारों में शुमार जलेश्वर महतो के अपहरण को पुलिस मुख्यालय ने भी गंभीरता से लिया है। डीजीपी डीके पांडेय के स्तर से मामले पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने इस मामले में पीएलएफआइ नक्सली बाजीराम महतो के दस्ते का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया है।

पहले भी हो चुका है अपहरण
जानकारी के मुताबिक जलेश्वर महतो का करीब 10 साल पहले भी अपहरण हुआ था। कहा जाता है कि उस समय वे अपने लोगों के प्रयास से ही मुक्त हुए थे।

परिजनों के साथ गांव के लोग भी मौन
जलेश्वर महतो के गांव कोइया में इस मामले की बाबत कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है। ग्रामीणों में दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे कैमरा के सामने भी नहीं आना चाहते। जलेश्वर महतो के परिजन तो मीडिया के सामने भी नहीं आ रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को मीडिया कर्मियों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। कैमरा खोलने तक की इजाजत नहीं दी।

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