अजय शर्मा
रांची। जेल में बंद नगड़ी का रहनेवाला बलिया पाहन निर्दोष है। उसने जमीन कारोबारी पर गोली नहीं चलायी है, पर नगड़ी पुलिस ने उसे इस अरोप में जेल भेज दिया। अब पुलिस को जांच में पता चला है कि उस पर लगा आरोप गलत है। रांची पुलिस अब पसोपेश में है कि उसे कैसे छोड़ा जाये। इस पूरे मामले पर सीआइडी ने पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है।
क्या है मामला
नगड़ी के महादेव पाहन 25 एकड़ जमीन के मालिक हैं। उन्होंने साढ़ू के बेटे बलिया को गोद लिया है। 40 साल से बलिया पाहन उनके पास है। स्वाभाविक तौर पर महादेव पाहन के बाद उनके उत्तराधिकारी के तौर पर उनकी 25 एकड़ जमीन का स्वामित्व बलिया को मिलेगा। इसी जमीन पर मनोज मिंज की नजर है। मूल रूप से मनोज जमीन का काम करता है। आरोप है कि नगड़ी पुलिस ने मनोज के कहने पर ही बलिया को जेल भेज दिया। कुछ दिन पहले मनोज पर गोली चली थी। इस संबंध में नगड़ी थाना में मामला दर्ज किया गया। उस मामले में राजमिस्त्री का काम करनेवाले बलिया का नाम भी डाला गया था।
क्या है रिपोर्ट में
सीआइडी ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें बलिया को निर्दोष बताया गया है। कांड के अनुसंधानक रंजीत पिगुवा से जब पूछताछ की गयी, तो उनका कहना था कि थानेदार संतोष पांडेय और एक अन्य वरीय अधिकारी के कहने पर उन्होंने ऐसा किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजमिस्त्री का मोबाइल लोकेशन भी नहीं लिया गया। न फर्द बयान हुआ। पुलिस ने आनन-फानन में पूरी कार्रवाई की।
बुंडू में नाम हटाने के लिए 10 लाख मांग रही पुलिस
बुंडू की रहनेवाली नीलम गुप्ता ने राज्य के कई आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है। उसने कहा है कि बुंडू में चरकू उरांव की हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड को 19.7.2019 को अंजाम दिया गया। इस मामले में उसके पति पन्नालाल गुप्ता का भी नाम आरोपियों में शामिल है। नीलम का कहना है कि उसका पति इसमें शामिल नहीं है। बुंडू पुलिस का एक अधिकारी नाम हटाने के लिए 10 लाख रुपये की मांग कर रहा है। इस मामले की जांच भी सीआइडी को सौंपी गयी है।