रांची। रांची शहर के सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में कथित घोटाले की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को प्रारंभिक जांच (पीइ) दर्ज कर ली है। जांच की जद में हैं पूर्व नगर विकास मंत्री रघुवर दास और अन्य। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक अक्टूबर को ही एसीबी को यह आदेश दिया था कि मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में कथित अनियमितता, भ्रष्टाचार और षडयंत्र के मामले में झारखंड विधानसभा के सदस्य सह सामान्य प्रयोजन समिति के सभापति सरयू राय की शिकायत और उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज कर जांच करे।
पूर्व मंत्री सरयू राय ने मैनहर्ट परामर्शी नियुक्ति के इस मामले में दो माह पूर्व ही 18 बिंदुओं पर घोटाले की पूरी घटना को विस्तार से लिखते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में लिखित शिकायत कर जांच की मांग की थी। उनका आरोप था कि एक साजिश के तहत सरकारी खजाने से गलत तरीके से करोड़ों रुपये निकाले गये हैं। उनके आवेदन के आधार पर एसीबी ने सरकार से पत्राचार कर मामला दर्ज करने के लिए अनुमति की मांग की थी। दो माह बाद यानी एक अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने अनुमति देते हुए जांच का आदेश दे दिया था। इस घोटाले की फाइल गुरुवार को पहुंची, जिसके बाद उक्त मामले में पीइ दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है।
क्या है मैनहर्ट घोटाला
आरोप है कि रांची के सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति एक साजिश के तहत की गयी थी। इसमें योग्यता नहीं रखने वाली कंपनी मैनहर्ट को चुना गया था। इससे पूर्व तत्कालीन नगर विकास सचिव ने तत्कालीन विभागीय मंत्री रघुवर दास के सामने यह प्रस्ताव दिया था कि टेंडर को रद्द कर नया टेंडर निकाला जाये। इस प्रस्ताव को तत्कालीन विभागीय मंत्री ने खारिज कर दिया था और उसी निविदा पर चयन का आदेश जारी किया था। शिकायत यह भी है कि मैनहर्ट के नाम पर जो टेंडर रांची के सिवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने के लिए डाला गया था, वह असली मैनहर्ट सिंगापुर का नहीं था, बल्कि इसके लिए भारत में ही इस नाम की कंपनी बनाकर टेंडर डाल दिया गया था।
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