रांची। झारखंड विधानसभा में बुधवार को इतिहास बना। हेमंत सोरेन सरकार द्वारा सदन में पेश सरना आदिवासी धर्मकोड के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा की गयी संशोधन की मांग को सत्ता पक्ष ने स्वीकार कर लिया। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास इस सिफारिश के साथ भेजा जायेगा कि अगले साल होनेवाली जनगणना में सरना आदिवासी धर्मावलंबियों के लिए अलग कोड का प्रावधान किया जाये। बुधवार को विधानसभा का यह विशेष सत्र इसी उद्देश्य के लिए बुलाया गया था।
पूरे विश्व में प्रकृति प्रेम फैलेगा : सीएम
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की पहचान के लिए सरना धर्म कोड महत्वपूर्ण है और इसे मान्यता मिलने से भारत ही नहीं, पूरे विश्व में प्रकृति प्रेम का संदेश फैलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह लाठी-गोली की सरकार नहीं है। बिना चर्चा के प्रस्ताव भेजने का कोई मतलब ही नहीं है। इस पर चर्चा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे संशोधन के प्रस्ताव से सहमत हैं। सदन की संवेदनाएं महत्वपूर्ण हैं। सदन से पूरे देश में संदेश जायेगा कि सरकार क्या सोच रखती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्री डाटा बांटने से दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं। हाथरस की घटना से आपलोगों ने देश की नाक कटवा दी है। उन्होंने कहा कि इनके व्यापारी मित्र देश में अश्लीलता फैलाकर युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल रहे हैं।
प्रस्ताव पारित होने के बाद अब कैबिनेट की ओर से जारी संकल्प में संशोधन होगा। मुख्यमंत्री ने इसकी मंजूरी दे दी है। संकल्प में आदिवासी/सरना धर्म कोड का उल्लेख था। उसकी जगह अब सरना आदिवासी धर्म कोड होगा।
हंगामेदार रही बहस
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में खूब गरमा-गरमी हुई। प्रस्ताव पेश किये जाने के फौरन बाद विपक्षी विधायकों ने बिना चर्चा के इसे पास कराने का विरोध किया। इसके बाद सदन में हंगामा हुआ और सीएम तथा विपक्षी विधायकों में बहस हुई। सीपी सिंह ने इसे बिना चर्चा के पास कराने का विरोध किया। नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरना धर्म कोड का संकल्प अंतिम पैराग्राफ से पहले अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि 1961 की जनगणना में सरना धर्म कोड हटाया गया। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उस समय इसे नहीं हटाया जाता, तो यह स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा कि वे सरना धर्म कोड का समर्थन करते हैं, पर आदिवासी/सरना धर्मकोड का समर्थन नहीं करते। राजनीति के तहत यह कोड लाया गया है। इधर विधानसभा के विशेष सत्र में दुमका से निर्वाचित बसंत सोरेन और बेरमो से निर्वाचित विधायक जयमंगल उर्फ अनुप सिंह ने सदस्यता की शपथ ली।