रांची। क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी है। झारखंड हाई कोर्ट ने गुरूवार को भारत-न्यूजीलैंड मैच को रद्द करने से सम्बंधित दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने कहा है कि मैच रद्द नहीं होगा। प्रार्थी अधिवक्ता धीरज कुमार के मुताबिक, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मैच अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का विषय है। इसलिए इसे रद्द नहीं किया जाएगा, लेकिन जनहित याचिका में जो बिंदू उठाए गए हैं, उनपर बाद में सुनवाई होगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि किन परिस्थितियों में फुल कैपिसिटी पर स्टेडियम में दर्शकों को आने की इजाजत दी गई। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गयी कि सरकार को इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करना पड़ा। मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस उदित नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई। उल्लेखनीय है कि
रांची स्थित जेएससीए ग्राउंड में 19 नवंबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले टी 20 मैच के दौरान 100 प्रतिशत दर्शकों को अनुमति दिए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने याचिका दायर की है।
मामले में अधिवक्ता ने झारखंड के मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के डायरेक्टर और झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन को पार्टी बनाया है। अधिवक्ता ने बताया कि झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन शत-प्रतिशत दर्शकों के साथ स्टेडियम में मैच आयोजित करके लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कोविड को लेकर सरकार के द्वारा जारी एसओपी का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है । मंदिर, अदालत सहित सभी सार्वजनिक स्थलों और कार्यक्रमों में 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दी गई है। फिर यहां पर 100 प्रतिशत फुल स्ट्रेंथ के साथ 40 हजार दर्शकों को लेकर मैच दिखाए जाने की अनुमति किस आधार पर दी गई है।