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    Home»Breaking News»अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत से पूछताछ
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    अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत से पूछताछ

    azad sipahiBy azad sipahiNovember 18, 2022No Comments5 Mins Read
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    रांची (आजाद सिपाही)। साहेबगंज में एक हजार करोड़ के कथित अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की पूछताछ का सिलसिला गुरुवार को शुरू हो गया। इडी की टीम ने मुख्यमंत्री से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनसे करीब दो सौ सवाल पूछे गये। देश में यह पहला मौका है, जब इडी ने किसी मुख्यमंत्री से पूछताछ की है। पूछताछ के लिए इडी आॅफिस जाने से पहले हेमंत ने मीडिया से बातचीत में केंद्र पर लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्यपाल पर भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया।

    पंकज, पीपी, अमित और रवि केजरीवाल के बयान पर आधारित सवाल पूछे इडी ने

     मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुरुवार को पहले दिन की पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दो सौ से अधिक सवाल पूछे। हालांकि पूछताछ के बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन जानकार सूत्रों ने बताया कि हेमंत सोरेन से पंकज मिश्रा, अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश और रवि केजरीवाल के बयानों पर आधारित सवाल पूछे गये। सूत्रों ने कहा कि हेमंत ने अधिकांश सवालों के जवाब दिये।  इससे पहले दिन में करीब 12 बज कर पांच मिनट पर हेमंत सोरेन हिनू एयरपोर्ट रोड स्थित इडी कार्यालय पहुंचे। उनके साथ चार-पांच गाड़ियों का काफिला था, लेकिन केवल सीएम की गाड़ी ही अंदर गयी। इसके बाद इडी अधिकारियों को लेकर दो गाड़ियां भीतर गयीं और फिर गेट को बंद कर दिया गया। इसके बाद पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ। इस बीच हेमंत सोरेन ने घर से खाना मंगाया। उन्हें इडी आॅफिस में ही खाना खाने दिया गया। इसके बाद फिर से उनसे पूछताछ शुरू की गयी।

    चाक-चौबंद सुरक्षा
    मुख्यमंत्री के इडी कार्यालय आने से पहले सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गयी थी। दिन में करीब साढ़े 10 बजे हिनू चौक और उसके आसपास के करीब दो किलोमीटर के इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी थी। मुख्यमंत्री से पूछताछ के पहले रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। रांची के उपायुक्त राहुल सिन्हा ने बताया कि राजधानी में डेढ़ हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी है। एयरपोर्ट जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार किया गया है। इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रधान कार्यालयों में अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों में जैप-10, जैप-2, तीन कंपनी रैपिड एक्शन पुलिस और जिला बल को लगाया गया है। सुरक्षा बलों को इडी आॅफिस के अलावा भाजपा और आजसू प्रदेश कार्यालय, राजभवन के समीप, मोरहाबादी मैदान में लगाया गया है।
    बता दें कि अवैध खनन मामले में इडी की ओर से जारी समन के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को पूछताछ के लिए हाजिर हुए। मुख्यमंत्री को पहली बार एक नवंबर को समन भेज कर तीन नवंबर को पूछताछ के लिए इडी कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि उन्होंने हाजिर होने के बदले तीन सप्ताह का समय मांगा। इडी ने इस पर विचार करने के बाद नौ नवंबर को दूसरी बार समन भेज कर 17 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था।

    राज्यपाल के बयान के बाद धड़ाधड़ छापेमारी शुरू हो गयी, उनकी भूमिका संदेहास्पद : हेमंत

     मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को इडी कार्यालय रवाना होने से पहले अपने आवास में मीडिया से बातचीत में केंद्र और राज्यपाल पर खूब बरसे। उन्होंने राज्यपाल की भूमिका पर प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल झारखंड में बम फोड़ने की बात करते है। फिर इडी की कार्रवाई सत्ता पक्ष के नेताओं के ऊपर शुरू हो जाती है। इसमें कहीं ना कहीं राज्यपाल की भूमिका संदेह के घेरे में है। वह राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इडी के अधिकारियों से कहा कि बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किये एक हजार करोड़ के अवैध खनन से संबंधित सनसनीखेज आरोप एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर लगाना इडी को शोभा नहीं देता है। सीएम ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों से राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बन गया है। उन्होंने कहा कि वह किसी व्यापारी की तरह देश छोड़कर नहीं भाग रह्े हैं। सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष के लोग सरकार गिराने के षड्यंत्र में लगे हुए हैं। उनके षड्यंत्र की पनडुब्बी बार-बार डूब जाती है, मगर फिर वे उस पनडुब्बी को बाहर निकाल देते हैं। सीएम ने कहा कि वह संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं और इडी के हर प्रश्न का जवाब देंगे। सीएम ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों से इंकार किया। उन्होंने कहा कि इडी की कार्रवाई से ऐसा लग रहा है जैसे मैं देश छोड़कर भागने वाला हूं। इडी जैसी एजेंसी को जांच के बाद संवैधानिक पद पर रहने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह का आरोप लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इडी को एक पत्र पहले भेजा है किस तरीके से एक हजार करोड़ का घोटाला के बारे में नोटिस आया है। पूरे राज्य में स्टोन चिप्स एक हजार रुपये मूल्य की नहीं होती है। आरोप का आधार कैसे बना, कैसे नहीं बना, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगे हैं, वे कहीं से भी संभव प्रतीत नहीं होते। उन्हें लगता है कि एजेंसियों को विस्तृत जांच पड़ताल करने के उपरांत किसी ठोस निर्णय पर पहुंचने के बाद दोष लगाना चाहिए।देर शाम कल्पना सोरेन भी पहुंचीं
    देर शाम मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन भी इडी कार्यालय पहुंचीं। उनके वहां पहुंचने का कोई कारण नहीं बताया गया। जानकारी के अनुसार श्रीमती सोरेन अपने पति हेमंत सोरेन को लेने इडी कार्यालय पहुंची थीं।

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