आजाद सिपाही संवाददाता
रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिस ब्लैंक चेकबुक को लेकर इन दिनों राजनीतिक गलियारे में तूफान मचा है, वह बैंक खाता 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान बैंक आॅफ इंडिया की गंगा प्रसाद शाखा में खोला गया था। यह शाखा महादेवगंज के पास है। चुनाव खर्च के लिए अलग खाता खोलना होता है, इसलिए यह खोला गया था। खाते में 20 लाख रुपये दूसरे खाते से ट्रांसफर किये गये थे।
जिस खाते से राशि ट्रांसफर की गयी, वह झामुमो का था। चुनाव में अलग-अलग चेक के माध्यम से रुपये खर्च किये गये। इस खाते से अंतिम निकासी 31 मार्च 2020 को की गयी। इसके बाद खाते में दो लाख रुपये बचे हैं। काफी समय से जमा-निकासी न होने से खाता निष्क्रिय हो चुका है। इसी खाते से संबंधित ब्लैंक चेकबुक विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के यहां से छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को मिली थी।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इस पर हेमंत सोरेन के हस्ताक्षर भी हैं। चेक के संबंध में इडी ने मुख्यमंत्री से पूछताछ की थी। वहां उन्होंने स्पष्ट बताया था कि यह बैंक खाता विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खोला गया था। ब्लैंक चेक मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने स्तर से उसके संबंध में जानकारी ली थी। इस दौरान कलेक्ट्रेट में उनकी नामांकन संबंधी संचिका की खोजबीन भी की गयी।
खोजबीन में पता चला कि इसी खाते का प्रयोग चुनाव के आय-व्यय के लिए किया गया था। तब उन्होंने अपने खाते का स्टेटमेंट मंगवाया। पता चला कि उस खाते से चुनाव के अलावा किसी अन्य प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ है। हालांकि, चुनाव के दौरान उपयोग के लिए खोले गये खाते को चुनाव समाप्ति के बाद बंद कर देना चाहिए था, जो नहीं किया गया है।
दरअसल, 2019 में मुख्यमंत्री ने जिले के बरहेट और दुमका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। दोनों ही जगह से वह चुनाव जीत गये थे। बाद में दुमका विधानसभा सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। बरहेट विधानसभा सीट पर पांचवें चरण में 20 दिसंबर 2019 को मतदान हुआ था। मालूम हो कि इडी एक हजार करोड़ के अवैध खनन प्रकरण में इन दिनों ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।